पर इतनी नही कि ठहर जाये क़दम।
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हमें पता है कि रंगोली दूसरे ही दिन मिटनेवाली है,
फिर भी वो ज्यादा से ज़्यादाf आकर्षक हो,
कलात्मक हो, मनमोहक हो ये कोशिश रहती है,
हमेशा हमारी…शायद जीवन भी कुछ रंगोली जैसा ही है हमें पता है कि जिंदगी एक दिन ख़त्म हो जाएगी,
फिर भी उसे खूबसूरत बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए पल-पल हर-पल।
😊😊😊😊😊
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हर खुशी है,
हर सुखः है,
बस नही है तो सुकून!!
ऐ सुकून!
तेरी तलाश हमेशा रहेगी,
सॉसें टूटने तक भी,
बस इतनी सी,
इल्तज़ा है,
मौत से पहले आना,
जी लूॅ मै भी कुछ लम्हें,
ज़िन्दगी के !!-
नही रही कोई ख़्वाहिश अब,
अब ऑसू ही मेरा गहना है,
उदासी ही मेरा ज़ेवर,
अब तन्हाइयॉ ही मेरी पसन्द,
अपनी मुस्कान को रख दिया है मैनें
ऑलमारी के लॉकर में सहेज़ कर,
जब कोई आयेगा मिलने,
कभी-कभार तीज-त्यौहारों पर,
कभी-कभी किसी शादी-ब्याह में,
या फिर कभी अन-मने मन से,
पहन लिया करूॅगी उसे,
क्योंकि ये भी जरूरी है...
हर मौके हर किसी को,
ऑसू दिखाये नही जाते!!-
मन डरने लगा है,
बाहर के हाहाकार से,
मन सहमा-सहमा है,
अंदर के चित्कार से,
वो पहले झगड़ते हुए ही हम अच्छे थे,
एक दूसरे की टॉग खींचते हुए ही हम अच्छे थे,
ये आपस का सन्नाटा अच्छा नहीं लगता है,
दया करो हे मॉ!
तेरा भक्त रोता हुआ अच्छा नहीं लगता है।-
बस इतनी सी उम्र के तलबगार है हम,
ना मरेंगे तुझसे पहले,, ना जीयेगे तेरे बाद..!!
सोचा तो यही था पर हुआ ऐसा कुछ भी नही....
देखो ना.....
हूॅ मै यही ख़ुद टूटकर, सब जोड़ने में....!!-