अपने बल, ज्ञान और सामर्थ्य का घमंड होने पर व्यक्ति धीरे-धीरे क्षीण हो जाता है।
🙏जय श्री राम 🙏
🙏जय हनुमान 🙏— % &-
तुम कविता हो।
तुम्हारी बात कविता है।
तुममें बदलता हर भाव कविता है।
तुम्हारी याद कविता है।
तुमसे मिली सौगात कविता है।
तुम्हारी आहट कविता है।
हर मुस्कुराहट कविता है।
तुम्हारा रूठना कविता है।
मानना भी कविता है।
तुम उलझन एक अनसुलझी।
तुम पहेली हो।
तुम्हें जानना कविता है।
(अंतिमा 💙 के लिए)— % &-
"प्रेम कबूतर"
मेरा प्रेम, कबूतर निकला।
मिला मिलकर, उड़ गया।
वो मेरे सामने वाले घोंसले में रहता था।
मेरी उससे रोज गुटर गूं होती थी।
मैंने उसके साथ उसके घोंसले में रहने के सपने देखे।
पर एक दिन कबूतर अपना घोंसला छोड़ कहीं चला गया, मालूम नहीं कहां ?
शायद उसे कोई और कबूतरी पसंद आ गई।
मैं आज भी उसके घोंसले के सामने रहती हूं अपने नए
कबूतर के साथ।
और अंत में मेरा प्रेम कबूतर ही निकला।
(प्रेरणा 'मानव कौल')— % &-
प्यार में भुख की कोई गुंजाइश नहीं।
क्योंकि भुख हर रोज लगती है पर प्यार नहीं।— % &-
उस पार वाले
इस पार तो आओ
क्या है दिल का
हाल सुनाओ
बड़े दिनों से
नींद नहीं आई
माथा आकर सहलाओ
पूरा दिन
तुम क्या करते हो
सारा मुझको बतलाओ
उस पार वाले
इस पार तो आओ
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