उसे लग रहा है की वो मुझसे जुदा होकर फुरसत में बैठे हैं,
पर उसे नहीं पता की इंतेक़ाम की आग में वह अपना इशरत खो बैठे हैं!
- नाविक ✍️
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Have passion to tour across the globe
Like to play vo... read more
खाने को निवाला मिल जाए
और क्या चाहिए जीवन में
अगर मन को ज्वाला मिल जाए !-
एक नायक के रूप में आप अपने निर्णय, नीति और नैतिकता के विफलता की जिम्मेदारी नियति पर नहीं डाल सकते हैं!
-नाविक✍️-
अक्सर लोग अपने निर्णय, नीति और नैतिकता की विफलता नियति पर डाल देते हैं !
-नाविक✍️-
शाम, दिन के उजाले से रात के अंधेरे की ओर ढलती रहेगी,
नदियां पहाड़ों से निकलकर समंदर में मिलती रहेगी,
ये वक्त है साहब रुकता नहीं किसी के लिए समय रहते संभल जाओ,
नहीं तो जिंदगी यूं ही मूट्ठी से रेत की भांति फिसलती रहेगी !
-नाविक✍️-
तुम लूटा दो यह धन यह दौलत बेफिजूल की खिदमत में
फिर बैठ के रोना अपनी किस्मत पे !
-नाविक ✍️-
मन को कुछ आराम दो,
यूं न बेवजह खुद को काम दो,
दूसरों पर क्या रहते हो निर्भर,
हर छोटी-छोटी सफलताओं में खुद को इनाम दो !
-नाविक ✍️
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-नेताजी-
जिन्होंने युवावस्था में अपना घर बार छोड़ दिया
खुद को भारत के संकल्प और सपनों के साथ जोड़ लिया
ऐसे थे हमारे प्रिय नेताजी सुभाष चंद्र बोस
जिन्होंने आजाद हिंद फौज बनाकर अंग्रेजों का कमर तोड़ दिया!
आजादी का बिगुल फूंका मीलों पैदल चलकर,
कभी नाम बदलकर तो कभी भेष बदलकर,
ऐसे थे हमारे प्रिय नेताजी सुभाष चंद्र बोस
जिन्होंने रख दिया अंग्रेजों की नींव हिलाकर !
युद्धबंदियों से विशाल आजाद हिंद फौज खड़ा कर दिया,
पुरुष ही नहीं महिलाओं का भी रेजीमेंट खड़ा कर दिया,
ऐसे थे हमारे प्रिय नेताजी सुभाष चंद्र बोस,
जिन्होंने अंग्रेजों की ईंट से ईंट बजा कर रख दिया !
नेताजी का मैं क्या लिखूं जीवन गाथा
उनका तो समंदर सा है विशाल कथा
ऐसे थे हमारे प्रिय नेताजी सुभाष चंद्र बोस
जिन्होंने देश के लिए न्यौछावर कर दी खुद की कथा !
यह देश उनको, उनका सम्मान दे न सका,
देश की खातिर जिन्होंने खुद को कभी न रोका
ऐसे थे हमारे प्रिय नेताजी सुभाष चंद्र बोस
जो आजादी की लड़ाई में कभी न थका !
जाते-जाते जो खुद का सर्वोच्च बलिदान दे गए,
देश को आजादी का वरदान दे गए
ऐसे थे हमारे प्रिय नेताजी सुभाष चन्द्र बोस
जिन्होंने देश की अस्मिता के लिए खुद का प्राण दे गए !
-नाविक ✍️
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आज सुबह उठकर व्हाट्सएप देखा तो पाया की व्हाट्सएप स्टेटस पूरी तरह से गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं से भरा हुआ है !
गणतंत्र की हार्दिक शुभकामनाएं क्या इतना ही एहसास है आपको आपके गणतंत्र होने का या कुछ और भी है जिसे आप बयां नहीं कर पा रहे हो ! क्या गणतंत्र होने का मतलब सिर्फ सोशल मीडिया में शुभकामनाएं देना भर रह गया है! हम ट्विटर व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम में स्टेटस लगाकर खुद को एक जिम्मेदार नागरिक होने प्रमाण देते हैं ! क्या जिम्मेदारी इतनी सीमित सी हो गई है हमारी ! आजकल हम लोग जिम्मेदारी के नाम पर सतही और स्थूल चीजों तक ही सीमित रह जाते हैं ! क्यों ना हम इस गणतंत्र दिवस को थोड़ा गणतांत्रिक तरीके से मनाया जाए जैसे गणतंत्र दिवस के बारे में जानना इसकी ऐतिहासिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि को पहचाना ! अपने संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्य को जानना और इसके प्रति दूसरे लोगों को जागरूक करना ! कोई कविता या निबंध लिखकर कोई लंबी दूरी साइकिल चलाकर कोई दौड़ लगाकर कोई झंडा फहरा कर लोगों को गणतंत्र के प्रति जागरूक करना यही असली गणतंत्र मनाने का तरीका है ! माना इस तरीके में थोड़ा श्रम लगेगा पर आपका यह परिश्रम सार्थक होगा ! आइये घर से निकालिए और महसूस कीजिए इस गणतंत्र को सिर्फ बिस्तर में लेट कर व्हाट्सएप डीपी लगाकर परिवर्तन नहीं ला सकते हैं ! गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ! जय हिंद !
-नाविक ✍️-