तुमने गले लागाया तो लगा गले लगाया तुमने!
बहुत दिनो मे ये शबाब कमाया हमने ..!!-
पाठ कोई नया पढ़ाये..!
आओ मोहब्बत का रंग चढ़ाये..!
हाथ तुम भी बढाओ,हाथ हम भी बढ़ाये!
आओ मोहब्बत का रंग चढ़ाये..!!-
आज में खुश नही क्यो कि....
नोट खो गई मेरी सौ कि....
बड़े दिनों से रखी हुई थी...
तह डाल के बरसो कि..!— % &-
किसने रोका है तुम्हे ए जिंदगी
तुम भी चलो धड़धड़ाती सी..!
गमगीन होकर बैठने से कुछ नही होगा
टूट पड़ो दुश्मनो पे कड़कड़ाती सी ..!!-
में भी हूँ दीवाना,दीवानगी का नाम लिए फिरता हूँ..!
इस दुनिया की मादकता का जाम लिए फिरता हूँ..!!
पंकज जोशी
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हो सकता है कल आज से बेहतर हो..!
पर आज का भी अंश जुड़ा है .!
आने वाले पल में..!
छप जाते है सब दिन हम सब
लोगो की शक्ल में..!!!!-
शांति की तलाश में तय करे मन
बहुत ही दूरी..!
छिपा है शुकुन खुद के ही दिल मे.!
जैसे मर्ग तन कस्तूरी..!!!-
हाथ खाली है तो क्या हुआ..!
कुछ देने का इरादा तो है..!
पूरा ना हो उसके पास पर,
तुमसे आधा तो है..!!-