आज में गुरूर करू या उदास हो जाऊ
कुछ समझ नही आ रहा मैं क्या कर जाऊ
वो सुबह से प्यासी है इस पर उदास हो जाऊ
या मेरे लिये प्यासी है इस पर गुरूर कर जाऊ
माँग में सिन्धूर और माथे पर बिन्दीया,वो दुल्हन जैसी सजी है जो,
वो खुद चाँद के जैसी है,इस बात पर गुरूर कर जाऊ
या वो भी चाँद के इन्तजार में है,इस बात पर उदास हो जाऊ
पानी मेरे हाथ से पियेगी,इस बात पर गुरूर कर जाऊ
या नजरें उस चाँद पर होगी,इस बात पर उदास हो जाऊ
कुछ समझ नही आ रहा मैं क्या कर जाऊ
आज में गुरूर करू या उदास हो जाऊ
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