pankaj jain   (पंकज ਜੈਨ)
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Khuda kisi ko kisi par fidaa na krre
Agar krre to #qayamat tak door na krre
Joined 26 July 2018


Khuda kisi ko kisi par fidaa na krre
Agar krre to #qayamat tak door na krre
Joined 26 July 2018
4 NOV 2021 AT 21:27

बहुत जल्दी समझदार बना दिया तूने ए-जिंदगी
दिवाली की रात मुझे अभी और पटाके चलाने थे

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24 OCT 2021 AT 18:30

आज में गुरूर करू या उदास हो जाऊ
कुछ समझ नही आ रहा मैं क्या कर जाऊ

वो सुबह से प्यासी है इस पर उदास हो जाऊ
या मेरे लिये प्यासी है इस पर गुरूर कर जाऊ

माँग में सिन्धूर और माथे पर बिन्दीया,वो दुल्हन जैसी सजी है जो,

वो खुद चाँद के जैसी है,इस बात पर गुरूर कर जाऊ
या वो भी चाँद के इन्तजार में है,इस बात पर उदास हो जाऊ

पानी मेरे हाथ से पियेगी,इस बात पर गुरूर कर जाऊ
या नजरें उस चाँद पर होगी,इस बात पर उदास हो जाऊ

कुछ समझ नही आ रहा मैं क्या कर जाऊ
आज में गुरूर करू या उदास हो जाऊ

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24 SEP 2021 AT 23:44

जितने पल दिए खुदा ने ,उतने ही मुकम्मल लग रहे है
उसके साथ बिताये कुछ दिन ,मुझे ज़िन्दगी लग रहे है

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24 AUG 2021 AT 8:13

इक लड़की है जो अंग्रेज़ी कविताएं लिखती है
इश्क,दर्द और समाज की सच्चाई दिखाती है

सरल से शब्दों में वो गहरे जज़्बात लिखती है
लिखने के शोंक को जीने का तरीका बताती है

चाय और डोसा तो उनकी मोहब्बत है जैसे
और पहाड़ो में सुकून की तलाश लिखती है

जिसके लिखने का अंदाज़ बहुत अनोखा है
पलक है नाम और किरदार बहुत ऊंचा है

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28 JUL 2021 AT 1:24

जिंदगी हसीन है और ये ख्वाब टूट जाते है
तेरे शहर को जाते-जाते,गाँव लौट आते है

मेरे शे’र पर तेरा वाह-वाह करने का लहज़ा
भूलना चाहते है , लेकिन कहा भूल पाते है

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26 JUL 2021 AT 23:11

तुम्हारे साथ जीने के लिए मर रहा है जो
किसी और से बातें करके आज जिंदा है वो

हर खत में लिखता है कि मुहब्बत बेशुमार है
लेकिन हर दफा दो- दो खत लिखता है वो

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24 JUL 2021 AT 12:50

जिस तरीके से दिन गुज़ार रहे है हम
अब ऐसे कितने दिन गुज़ार पाएंगे हम

पतझड़ आते ही टूट जायेंगे ये सब पत्ते
इस हरे-भरे पेड़ को क्या दिलासा दे हम

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11 JUL 2021 AT 0:40

एक वक्त आता है,
जब इंसान जीतकर भी हार जाता है
उस वक्त मौत भी जिंदगी लगती है

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11 JUL 2021 AT 0:39

एक वक्त आता है,
जब इंसान जीतकर भी हार जाता है
उस वक्त मौत भी जिंदगी लगती है

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12 MAY 2021 AT 19:38

खुश दिखने वाला रो पड़ा खुद के हालात बताकर
कहता,तुमने देखा क्या है मेरी मुस्कुराहट के बिना

बाज़ार में सब मिलता है ये आटा दाल और चावल
लेकिन बताओ क्या मिलता है मिलावट के बिना

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