डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से लेकिन
एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा !-
एक रात तुम्हारे साथ तुम्हारे बगल में सोने की ख्वाहिश है नौद नहीं तुम्हारी आंखों में डूबने की ख्वाहिश है तुम्हारा हाथ पकड़ धड़कने महसूस करते ही तुम्हारी गर्दन में छिपने की ख्वाहिश है सुबह तुमसे पहले जगकर तुम्हे नींद में निहारता रहूं ऐसी एक रात तुम्हारे साथ
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ये जो तुम्हारी साँसों की गंध मिली है ना जीवन भर अब लगता है मुझको यूँ ही महकाये रहेगी,
खत्म हो जाएगी केसर इलायची की भी खुशबू एक दिन-तेरी आरजू जीवन भर मुझे यूँ ही बहकाये रहेगी 🌹-
भर लो बाहों में अब मुझे थोड़ा सा करीब अपने आने दो, बहुत खूबसूरत सी हैं ये आँखें तुम्हारी... मुझे इनके नशे में डूब जाने दो, ना आऊँ कभी होश में मुझे इस कदर खो जाने दो, बहुत सुकून है बांहों में तुम्हारी... मुझे इनमें ही रह जाने दो, नहीं चाहिए कुछ और तुमसे बस अपने दिल में बस जाने दो, भर लो बाहों में अब मुझे... थोड़ा सा करीब अपने आने दो
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हम क्यों ना करे इंतजार उनका,
जब कहा था हम फिर मीलेंगे,
मुझे विश्वास था उनके झूठ पर
.... ना हमने चाहे ना उनकी कामना थी.
तो ये गली चौबारे ये रीत रेखा सब पीछे छूट गये थे, हमारा जहान तो उनकी आंखो में बसता था....
और सही था इश्क मेरा यदी तो खा कर ठोकर भी वो वापस आंएगे.
भूल गए, उन्होंने कहा था हम फिर मीलेंगे
अगर चाहत बरकरार रही.
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नई शायरा-
हम क्यों ना करे इंतजार उनका
जब कहा था हम फिर मीलेंगे
मुझे विश्वास था उनके झूठ पर
.... ना हमने चाहे ना उनकी कामना थी
तो ये गली चौबारे ये रीत रेखा सब पीछे छूट गये थे हमारा जहान तो उनकी आंखो में बसता था....
और सही था इश्क मेरा यदी तो खा कर ठोकर भी वो वापस आंएगे
भूल गए उन्होंने कहा था हम फिर मीलेंगे
अगर चाहत बरकरार रही
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नई शायरा-
गुलाबों की जगह गुलदान में नहीं
किसी कब्र,ख्वाब, दिल-ए-किताब में होती है
नई शायरा-
Kya hua?
Pasand nahi aayi ending?
Toh badal do na! Tumhari apni kahani hi toh hai."
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स्त्री का मित्र बनना हो तो, श्री कृष्णा जैसा बनना, उसका चीरहरण करने के लिए नही, बल्कि उसका चीरहरण बचाने के लिए....
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