कहानी तब ओर बिगड़ जाती है
जीवन मे किसी का साथ नही होता
अक्सर कद्र उस वक़्त समझ आती है
जब वो इंसान अपने पास नही होता
भरोसा जिंदगी में खुद पर रखना चाहिए
क्योंकि बुरे वक्त की एक खास बात है
उसमे हमारा अपना ही साथ नही होता।— % &-
लिखी रखी है पटकथा, मनुष्य पात्र है.
नए नियम समय के है... read more
इतनी सी कोशिश जरूर करना
किसी को इतना भी अपना मत बनाओ
कि वो किसी ओर को अपना बना ना सके
लाख चाहकर भी वो तुम्हारे अलावा जिंदगी में
किसी ओर को अपने दिल बात बता ना सके।-
गलती कहाँ थी मेरी कोशिशो में
चुपचाप ही सही मुझे बता जाना
साथ रहने पर शिकवा ना था
बात करने से ऐतबार ना था
तो तुम्ही बताओ जो पल साथ बिताए
क्या वो सब जूठा था सारा फसाना।-
संघर्ष में बिताए है जो मैने पल
बस इतनी सी मेरी कहानी है
दर बद्दर ठोकरे खाकर ही मेरी
खराब हुई बीती जवानी है।-
मैं इस दोगली दुनिया मे
गुमनाम ही अच्छा हूँ
मेरा रब जानता है कि
मैं कितना जूठा या सच्चा हूँ।-
मेरे चुपचाप रहने पर भी जमाने मे
ना जाने क्यों इतने बवाल हो गए
कोई गलती नही की मैने फिर भी
ना जाने क्यों इतने सवाल खड़े हो गए।-
मैं अब थोड़ा पीछे क्या हटा
इस दुनिया मे बदनाम हो गया
जब चुपचाप बैठा था एक वक्त
मगर फिर भी मेरा नाम हो गया।-
कोशिश इतनी ही करो कि
कोई तुम्हे गैरो में भी जान जाये
भले सुन ओर देख ना पाये
मगर वो तुम्हे भीड़ में पहचान जाये।-
कहने की कोशिश इतनी है मेरी
किसी एक के झुक जाने से
आने वाले गुमसुम पल भी
सबकी खुशी में बदल जाते है।-