सफ़ेद कपड़ों में अब ना दिखेगा तू
वक़्त के साथ चीकू बदल गया है तू
रिकॉर्ड अब कुछ भी मायने नहीं रखते
वृंदावन के इश्क़ में राधे रंग गया है तू-
झूठ फ़रेब मक्कारी नस-नस में बहता है
मुकरना फ़ितरत है बच्चा-बच्चा कहता है-
अमन शान्ति दरिन्दों को क़बूल नहीं
अथितियों को मारा ये तहज़ीब नहीं
सबक़ ज़रूरी है यार हम बुज़दिल नहीं
नये भारत को अब ये जुल्म मंज़ूर नहीं-
अकेले चलना ही ज़िंदगी का दस्तूर है
क़ाफ़िले तो जनाज़ों के साथ चलते हैं-
नया हो या फिर पुराना क्या कहना
जनता को है बहलाकर फुसलाना
ताई की तरकीब अमाँ अव्वल है
बुद्धू अब नये टैक्स कोड से बनाना है-
कुछ दूर चलूँ घर से रास्ते में मंदिर आता है
पुजारी मिलते हैं कान्हा नज़र नहीं आता है
फ़लसफ़ा देखो दुख दर्द जब भी आता है
याद कोई और नहीं सिर्फ़ कान्हा आता है-
Justification and explanation can’t convince
Actions and Results throne Prince
It is the attitude which decides
Either we lose the game or Vince
Pankaj-
तारीख़ बदल गई साल गुजर गया
रूह की सुनी या ख़ुदगर्ज़ हो गया
सितारे गर्दिश में हो या आँसमा में
वो इंसा ही क्या जो रहमत भूल गया-
वितमंत्री सरदार बड़े हौसलों वाला था
अर्थशास्त्र का प्रकांड पंडित कहलाता था
ईमानदारी सरलता कूट-कूट के भरी थी
ख़ामी वज़ीर कम इक रानी का प्यादा था-