तेरी मुस्कान को देख सब दर्द भूल जाता हूँ,
हो जाता हूं मशगूल तुझमे कुछ इस कदर अपना हर गम भूल जाता हूँ,
भूल जाता हूं किस भंवर में डूबा हूँ में,
इस कदर तेरी चाहत में खो जाता हूँ,
आयी है तू बहार बनकर मेरी ज़िंदगी में,
तेरी मुस्कान को देख सब दर्द भूल जाता हूँ।।
- P. S. Chawla✍