27 JUL 2017 AT 15:28

डूबा रहता हूँ सोच में इस कदर कुछ दिनों से,
किस तरह बयाँ करू जज़्बात वो अपने,
जो घर बनाये बैठे हे दिल में मेरे।।

- P. S. Chawla✍