Pankaj Bisht  
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Joined 18 August 2020


Joined 18 August 2020
23 MAR AT 7:47

मैं बैठा अकेले चिंतन में,
मन उसी के बारे में बात करता है ।
अगर वो कर ले बात किसी से,
ये दिल अंदर ही अंदर जलता है ।।
ईर्ष्या होना मेरा , मुझे ये क्यों लगता है
दर्द दे अगर वो मुझे , वो दर्द प्यार लगने लगता है ।।

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8 DEC 2024 AT 17:13

ऐ दोस्त जरा बता , समझा उसे !
कि वो क्या है मेरे लिए ...
बस यूं कहूं कि .
मैं दिल तो वो धड़कन है मेरे लिए ।
मैं नींद तो वो सपना है मेरे लिए ।।
मैं भंवरा तो वो फूल की कली है मेरे लिए ।
मैं जिंदगी तो वो जान है मेरे लिए ।।
मैं कुछ भी नहीं तो वो सब कुछ है मेरे लिए ..।

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1 DEC 2024 AT 20:13

न कर फिकर तेरे लिए लिखता रहूंगा ।
समझने दे खिलौना लोगों को...
तेरे लिए दुकानों में बिकता रहूंगा ।।
तू समझे मुझे बस एक बार ...
तेरे लिए मन्नते करता रहूंगा ।।

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30 NOV 2024 AT 17:51

न जाने मैं कोशिशे किस कदर कर रहा हूं ।
न जाने क्यों उसे , बिना पाकर भी खोने से डर रहा हूं ।।
और तुम मुझे उससे दूर जाने की बात करते हो ...
उसके दिल से तो मैं कब का चला गया हूं ।।

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19 JUL 2024 AT 11:26

ऐ खुदा.. क्या असरदार है तू !
अमीर को भी बताया तूने...
किसी गरीब का कर्जदार है तू ।।



@alfajo_ki.duniya

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2 JUL 2024 AT 19:31




वक्त के दीदार ने भी क्या रच रखा है..!
कल मुझे परखा था
आज तुझे कतार में रखा है ।।

@alfajo_ki.duniya









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2 APR 2024 AT 23:05

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26 FEB 2024 AT 13:55

कुछ वो यादें साथ रखना,
एक छोटी मुलाकात और वो बातें याद रखना,
शायद जिन्दगी में इस बार का साथ न सही,
लेकिन कभी साथ में थे, ये जिंदगी भर याद रखना।।

प्रियंका बिष्ट



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15 FEB 2024 AT 7:59

खैर... जो गए तो उन्हे जाने दो ।
झूठी हिदायतें लाए हो ,उन्हे लाने दो ।।
मौत आए तो पता न चले किसी को ।
हकदार हूं उसका मुझे उसे पाने दो ।।



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11 FEB 2024 AT 22:29

"अतीत से मंजिल"
अतीत के कुछ दिनों जिंदगी थम सी गई थी ।
मेरे आगे मेरी मुश्किलें खड़ी थी ।।
किसी से बात ना करूं चेहरे पर चुप्पी सी छाई थी ।
जीतने के बावजूद भी मैं हारी हुई थी ।।
जिंदगी में अभी बहुत आगे जाना है ।
चलते-चलते रस्ते से कांटों को हटाना है ।।
मुश्किलों को मैंने अपनी मजबूती माना है ।
आखिर में मंजिल को पाना है ।।
जो कल बीत गया उसका क्यों मलाल करूं ।
किसी की कमजोरी पर आखिर क्यों सवाल करूं ।।
जिंदगी में हर किसी को कुछ न कुछ पाना है ।
गुजरे कल के चक्कर में अपना आज क्यों खराब करूं ।।
सब्र से आगे बढूंगी मैं ।
आने वाले कल के प्रति सजग रहूंगी मैं ।।
मां बाप का नाम ऊंचा करूंगी मैं ।
अपने घर के लिए मिसाल बनूंगी मैं ।।

प्रियंका बिष्ट

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