रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार,रहिमन फिरि फिरि पोइए, टूटे मुक्ता हार ! - मेरे_बोल
रूठे सुजन मनाइए, जो रूठे सौ बार,रहिमन फिरि फिरि पोइए, टूटे मुक्ता हार !
- मेरे_बोल