ज़िन्दगी कि दौड़ का सफर यूहीं दौड़ता हैं
हर साल के आखरी किनारे से जौडता हैं
यादों का कारवाँ कुछ आगे बढ़ता हैं तो कुछ पीछे छोड़ आता हैं
जाती आती यादों से क्या पाया क्या खोया सब याद होता हैं
किसी मौड नें धकेला पीछे तो किसी मौड नें हसीं कि कली को सजाया हैं
सफलता कि नींव को आगे जारी रखना हैं
ठोकर मिली कुछ रास्तों को कभी ना जायर करना हैं
ज़िन्दगी को हर पल उजागर करना हैं
चलते रहना रुकना मत
ज़िन्दगी को कल से बेहतर करना हैं !!-
● Artist 🎬
● India 🇮🇳
● देशी 💪
● राजस्थान से
हृदय प्रेम सा वो बड़ा दयालु
करुणा भरा दिल वो श्रेष्ट कृपालु
सीरत से रत्न वो पत्थरों कि सिलन
जीत का कल वो अजर मीनल
ईश्वर कि बनाई कल्पना जैसे जीविशी
तपो ऋषि वो अमर जीवन आयुषी
चांदी सी चमक वो पहाड़ो कि बर्फ
महादेव का जोश वो राजा हिमेश !!
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देवकीनंदन का शोर, नंद के किशोर तुम
नंद के किशोर, जग के माखनचोर तुम
लाडले छोटे कन्हैया, दाऊ के छोटे भैया तुम
जमुना के तट का किनारा, शेषनाग कि सैया तुम
ग्वालों के प्रिय, राधा के प्रियतम तुम
छलिया मोहन, रूप के अनुपम तुम
शीश पे मोर पंखी का ताज़, ब्रज वालों कि नाज तुम
अधर्मी शत्रुओं का संघर, होठों पर बंसी का सार तुम
देवकी के लाल, जग के पालनहार तुम
द्रोपदी के भैया,"वीर" कि नाव के खेवैया तुम
वासुदेव, देवकीनंदन, यशोदा लाल तुम
द्वारकाधीश, गोपालकृष्ण, पालनहार तुम
राधामोहन, मुरलीधर, कन्हैया कहुँ या कृष्ण
हे गिरधरगोपाल, मेरे श्याम मेरे "माधव" तुम!!
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रोम रोम में बसे शिव हैं, हर रूह में समाहित शिव हैं
तन-मन की शक्ति शिव हैं, परम् पिता परमेश्वर शिव हैं
जन्म का आगाज शिव हैं, जीवन का अंत शिव हैं
हर कुटिल हर संत शिव हैं, हम सिमित वो अनंत शिव हैं
"वीर" की कलम से दोस्ती शिव हैं, मन के विचारों का उल्लेख शिव हैं
जीवन के भ्रमण का आधार शिव है, मेरे तो जीवन के हमसफ़र हि शिव हैं !!
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रात तारों को पढ़ा चाँद को लिखा
मेरी जबीँ का नूर "वीर" तेरी आँखों में दिखा !!-
घर का कौना नहीं छत पे एक आशियाना तो दे दो
तप रहीं हुँ में इस गर्मी में कोई मुझें आराम तो दे दो
दरबदर भटक रहीं हुँ घर घर कोई जीने कि वजह तो दे दो
प्यासी हुँ प्यास को मेरी कोई थोड़ी सी आस तो दे दो
किसी बर्तन में भरकर मुझें थोड़ी जान तो दे दो !!-
सब दाडा सोडो एक दाड़ो दितवार तो मले आपडा ने
जे दिवस आपडे आपडा गर वारा हाते रेवा मले, कोक वात करी सकाय
बाकि दाडा तो हू हैं आंको दाड़ो काम नि काम
एक गडी नि फुरसत नि मले
सब वार नो एल वार ई खाली मस्ती नो दितवार !!
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( सब दिन छोड़ो एक दिन रविवार हि तो मिलता है परिवार के साथ रहने का, साथ मे बात चीत करने का
बाकी के दिन तो क्या पूरा दिन काम और काम
एक पल का समय नहीं मिलता
सब वार का एक हि वार और वो मस्ती वाला रविवार )
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" कॉल "
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आता है तेरा कॉल तो मेरे दिल की धड़कने
बड़ जाती हैं
और ना आए तो इंतजार में ये घड़ियां ना कट पाती हैं
सताती हैं हर पल तेरी याद, इन यादों में मेरी रात कट जाती हैं
कब तक रहेगा मुझसे दूर तेरी यादें तड़पाती हैं
एक बार जरा पास आके तो देख "बका" मेरी सांसें थम जाती हैं !!-
गलत लिखने के बाद कि भाषा में मैंने तुम्हें कुछ लिखा हैं
पढ़ पाओ तो पढ़ लेना और समझ पाओं तो समझ लेना !!-
ज़िन्दगी के कुछ ख्वाब मुकम्मल तो कुछ अधूरे रह जाते हैं
कुछ बाते आज कहनी रह गई पर वो बाते कल भूल जातें हैं !!-