मेरी दुआ कुछ इस तरह पूरी करना मेरे ईश्वर
की जब भी मैं आपके सामने सिर झुकाऊँ
मुझसे जुड़ा हर रिसता सँवर जाय ।-
ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान ना हो
और ऐसा कोई सवाल नहीं जिसका जवाब हो ही ना
ज़रूरत हैं बस उसे ढूँढने की....-
कि जताता हैं वो हक़ मुझ पर अपनो सा ही
बस दूर जा कर वो पास आना भूल जाता है
चाहती हूँ मैं वो जीत जाय अक्सर
कि हर बार मुझे रुला कर उसका वो हँसाना बाक़ी है
फिर भी वो है और मेरे लिए उसका होना ही काफ़ी है
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कभी बाढ़ आ जाए तो
हम खेतों की फ़सल को बचाने की कोशिश करते हैं
फिर ज़िन्दगी भर चलने वाले रिसते को
ऐसे कैसे छोर सकते हैं-
हाँ बेटी हूँ मैं
हाँ बेटी हूँ मैं कोई बोझ नहीं,
बेटे के जैसे ही पैदा हुई हूँ मैं भी,
माँ पापा ने बेटे की तरह ही पाला हैं,
बेटों की तरह ही उसने
ज़िन्दगी से लड़ना सीखाया हैं,
पापा की परी बोल कर ,
हाँ पापा की परी बोल कर
दुनिया ने मज़ाक़ उड़ाया हैं,
पर उसने पापा की परी बोल कर
बुलंदियों को छूना सिखाया हैं,
हाँ मैं एक बेटी हुँ पर उसने
बेटे की तरह पाल कर
मुझे ज़िंदगी का मतलब समझाया हैं,
बेटी होना पाप नहीं हैं
ये बात उसने समझाया हैं,
मेरे बेटी होने पर भी उसने
मुझ पर बेटे से ज़ायद प्यार लुटाया हैं ,
हाँ मेरे बेटी होने पर भी मेरे पापा ने मुझे
बेटे से बड़ कर हूँ मैं ऐसा अहसास दिलाया हैं।
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जहाँ आपके वजह से किसी दो के बीच लड़ाई हो
और कोई भी आपके साथ ना हो तो
वहाँ से बोहोत दूर चले जाना ही अच्छा है ।-
एक सितारे की खुदखुशी को
यूँ कायरता मत कहो
क्यूँकि खुदखुशी करने वाले का भी
कोई न कोई क़ातिल ज़रूर होता है ।-