एक औरत में जो पूरी एक दुनिया समाई है सायाद ही कोई मर्द उसे देख पाए
दुनिया जब से बनी है तब से ये सोच डाली गई है कि एक औरत शरीर से कमजोर होती है,
उसे हमेशा दबे रहना चाहिए।
मगर शायद किसी ने उसकी मन की शक्ति को परखने की कोशिश क्या , सोचा भी न होगा कि वो मन से ताकतवर हो सकती है।
दुनिया आगे तो बढ़ी
लोगो ने औरतों को आगे बढ़ने का मौका भी दिया
आज औरतें हर दिशा में सबसे आगे है
पर क्या एक इंसान को सिर्फ तभी इज्जत देनी चाहिए जब वो पैसा कमाने लगे?
आज तक जो औरतें घर संभालती आयी है उनको इज्जत पाने का कोई अधिकार नहीं?
घर ना संभलता तो क्या आप संभलते??
मर्द शादी करके बहू लाते है अपनी मा बाप की सेवा करवाने और कहते है कि मेरे मा बाप को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए
पर क्या वो ऐसा अपने मा बाप से भी कहते है कि किसी और कि बेटी है, एक इंसान है, उसे कोई दुख नहीं होना चाहिए।
बहू से इज्जत तो सब चाहते है, मगर शायद ये सोचना भूल जाते है कि क्या वो अपनी बहू को इज्जत दे रहे है।
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