चलो.., छोडो, रहने भी दो अब,
लकिर मिटाने वाले हि,
तकदीर को देखकर,
हालहवाल नहीं पूछा करते|-
“My 2022 is going to be better because in the gym of experience, I learned to Strengthen my Mind."
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हाँ| जरूर कुछ अल्फाज़ बाहर तो आये,
पर feelings को अंदर हि अंदर दफ़नाके|-
उसे खुदा से मांगने में हि ये जनम चला गया,
शायद, अगली जनम में जरूर दुआ पुरी होगी|-
"पहाडों" से बहोत इश्क करता था वो,
उसके याद में मैने अपना दिल "पत्थर" किया|💔-
वैसे तो मेरी कोई लवस्टोरी न थी,
पर विरह का दर्द सबसे ज्यादा हैं|💔-
"जिन्दगी ने इतने ठोकर खाये हैं की अब ठोकर खाये बिना ये कंबख्त जिन्दगी नहीं कटती"💔
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देवालयात दडली, चोरीव रांग काही|
डोळ्यांत धूळ चारून तीर्थात भांग काही|
दंडक नियम बजावित, रांगेत आण त्यांना
मोजून तू सितारे, अंकात सांग काही|-
नियतीने भाग्य लुटता
मनी भाव ही गहिवरले,
दैव-स्तुती नमिता गाता
अंगी बळ ही अवतरले,
परिश्रमाची मिळकत बघता
रूपाने सौंदर्य साकारले,
दर्पणास वाचा फुटता
अंतरमन ही श्रुंगारले...|
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उसे अनदेखा करके "गम" सिर्फ बदले करवट,
"खुशी" जब दरवाजे पर बार-बार करे खटखट!
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