उसे मेरे पसन्द की,बात तक नहीं पसंद।
मुझे उसके पसंद की, हर चीज़ पसंद है।।-
कहती है दिन रात क्यों सोचतें हो मुझे,
असंभव सी हूँ, क्यों खोजते हो मुझे।
मैं नादान कुछ समझ नही पाता हूँ,
आँखे जो बंद करू हर जगह उसे ही पाता हूँ।-
मेरे कौन हो तुम
जो कभी मुक्कमल नही होगा,वो अधूरा ख्वाब हो तुम।
स्याह अंधेरी रातो में,चाँद का उजास हो तुम,
मेरे चाहे गए सवालों का,अनकहा जवाब हो तुम।
मेरे दो शब्दों के बीच का रिक्त स्थान हो तुम।
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तुम्हे अपना बनाने का,
पर सिर्फ सोचना ही काफी नहीं है तुम्हे पाने के लिए,
बड़े जतन करने पड़ेंगे तुम्हे अपना बनाने के लिए।।-
तुम्हे इश्क़ से हमारे इनकार है क्या,
बाटना चाहते है हर दर्द हमारा तुमसे,
कहो तुम्हे स्वीकार है क्या?
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भीगे जमीन आसमान मगर,सूखा रहा एक मेरा हीं घर।
दुनिया है तेरी निगाहों में,बस तुझे मैं हीं ना आया नजर।
Unknown-
ये जो नजर अंदाज किये जा रहें हो
किस बात की सज़ा है ये।
आदतन बेपरवाह हो, या हमारी वफ़ा की सज़ा है ये।।-
तेरे बिना मेरी हर खुशी अधूरी सी हैं।
सोच तू मेरे लिए कितनी जरूरी सी हैं।।-