Pal Kumbhare   (पल, कविता आणि बरच काही..)
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Amateur poet, loves to write. Most of the poems are on heartbreak and love. 🙂🙃
Joined 6 July 2017


Amateur poet, loves to write. Most of the poems are on heartbreak and love. 🙂🙃
Joined 6 July 2017
28 FEB AT 0:20

....................... माय मराठी ......................
आज सहज प्रश्न पडला,
का बरं माय मराठी म्हणत असतील मराठीला..?
आई ची उपमा का नाही दुसर्‍या कोणत्या ही भाषेला??
हजारो भाषांमधे, मराठीच का आई समान??
नतमस्तक कैक कवी-लेखक तिच्यापुढे,
म्हणुन का ती वंद्य मातेसमान??
कदाचित आई सारखीच मायाळू
पण कठोरता ही आहे तिच्यात..
तरीही प्रत्येकाला मिळते ऊब
तिच्या प्रगल्भ शब्दकोशात...
स्पर्श होता मराठीचा आपुलकीची जाणीव होते,
अणि कदाचित म्हणुनच,
म्हणुनच मराठी सगळ्यांची माय होते...
.........………...........................................

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24 FEB AT 23:22


तांदळाचे पापड
(Rice Papad) ₹300/100 pcs

नाचणीचे पापड
(Finger Millet Papad) ₹350/100 pcs

उपवासासाठी (Especially for fast):

बटाटा पापड
(Potato Papad) ₹400/100 pcs

साबुदाणा पापडी
(Sago Papad) ₹400/kg

SWADIKA
Contact: 9922414553
Prop. Dhanashree Kumbhare

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4 JAN AT 2:43

कभी हमसे भी कुछ कहते,
शायद हमारी भी बात बनती..
कुछ यादें, कुछ नगमें,
या कुछ मुलाकातें ही होती...
कुछ खटास ही रिश्ते में सही,
पर कुछ मीठी सी अनबन यादगार होतीं..
कभी हमसे भी कुछ कहते..
शायद.... शायद.... शायद...

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7 DEC 2024 AT 14:52


ऐसी क्या बात हैं, जो लिख कर नहीं कह सकते???
या बहाना है कोई जो, तू मेरी आवाज़ सुन सके..??

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7 DEC 2024 AT 13:48

इन्तजार करना तुने चुना हैं..
मैं तो अभी भी उसी मुक़ाम पर रुकी हु...

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7 DEC 2024 AT 13:39

Soul mate समझा नहीं जाता, वो बस एहसास हैं जो महसुस होता है...
दिल के रिश्ते जब टूटते हैं तो इक सन्नाटा सा छा जाता हैं...
कितनी भी कोशिश कर ले कोई, वो दरार कायम रहती हैं...
वक्त के साथ शायद ही कुछ गूंज उठें दरारों में कभी..
पहले जैसा नहीं हो पाता पर वो रिश्ता कभी...

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30 NOV 2024 AT 17:40

यहाँ से वहाँ तक का सफ़र कुछ यूँ गुजरा,
के आधी ज़िंदगी कब हाथ से फ़िसल गई पता ही ना चला..
बचपन जीते जीते कब वो किस्से बन गए,
बडे होते होते कब हम जीना भूल गए,
कुछ पता ही ना चला..
ख़ूब सिखाया ज़िंदगी ने और आँखें भी खोली हर राह पे..
जो सुकुन ढूंढ़ रहें थे अपनों में, दुनियां ने दिखाया वो अनजानों में...
ज़ख्म दिए उन्होंने ही, जो थे दिल के बहोत क़रीब...
रीत देखो दुनिया की तुम, सम्भाला उन्होंने जिनसे थी ना बिलकुल उम्मीद...
यहाँ से वहाँ तक सफ़र, कुछ यूँ भी हो चला,
खो कर भी ख़ुद को, ना किसी और को रुलाया..
खो कर भी ख़ुद को, दुनिया को हसाया...
खो कर भी ख़ुद को, ना ख़ुद को खोया...

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10 OCT 2024 AT 23:05

Spicy treats:
Chakli: ₹ 470/kg
Shankarpale: ₹ 400/kg
Chivda: ₹ 440/kg
Shev (sadhi): ₹ 370/kg
Shev (Lasun/Garlic): ₹ 450/kg

Sweets:
Anarse (Jaggery): ₹ 150/dozen
Besan Ladu: ₹ 550/kg
Chirote: ₹ 600/kg
Rava Ladu: ₹ 450/kg
Shankarpale: ₹ 400/kg
Karanji/Gujiya (dry coconut): ₹ 450/kg
Karanji/Gujiya (fresh coconut): ₹ 600/kg

Ready Mixes:
Chakli Bhajani: ₹ 300/kg
Anarse Peeth: ₹ 250/kg

*All items are fried in refined oil
*Laddus are made in pure Ghee
*Customized orders are accepted

Order here: +917888025860/+919511853293
Prop. Dhanashree Kumbhare

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23 SEP 2024 AT 16:45

सन्नाटा सा हैं छाया हैं दिमाग़ में
और दिल जो हैं, एक जगह नहीं..

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15 AUG 2024 AT 0:22

ज़िंदगी आबाद हैं, फ़िर भी इक खालीपन सा क्यों हैं..???
सबकुछ ठीक ही हैं, फ़िर भी दिल में मलाल क्योँ हैं...??
सवाल तो कुछ भी नहीं हैं, फ़िर भी दिमाग़ क्यों शांत नहीं हैं...???
सन्नाटा हैं चारों तरफ, लेकीन अंदर कलेश सा क्यों हैं...???
दिल में इक सुकुन सा हैं, फ़िर भी दिमाग़ हर कोने मे बिखरा क्यों हैं...???
क्या हैं जो दिमाग़ ढूंढ रहा हैं...???
क्या हैं जो दिल ना पा के भी शांत हैं...???
क्या ख़ुद से नाराज़ हूँ मैं..??
या किसी को खोने का मातम हैं ये..???
कुछ सालों पहले ऐसे ही था दिल और दिमाग़ का समा...
जब खोया था कुछ अपनों को, उसमें था अनदेखा कोई अपना...
क्या वही गूंज आज फ़िर लौट आयी हैं???
किसी अपने को खोने का ज़ख्म ताज़ा हुआ हैं...
क्या वहीं अनजाने की याद आज फ़िर आयी हैं??
क्या वहीं....??? हां... शायद वहीं, शायद वहीं....!!!

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