आपकी बाहें सागर सी ,मैं सरिता बन आपसे मिल जाऊं।कोई भी कतरा मेरा, मुझमें बाकी ना रहे इस तरह आपमें मैं घुल जाऊं।।ताउम्र सिर्फ आपकी होती जाऊ,बूंद बूंद आपमें खोती जाऊं।आपसे मिलन का सुख हर पल पाऊं,रोम रोम से बस आपकी होती जाऊं।। - पाखी✍
आपकी बाहें सागर सी ,मैं सरिता बन आपसे मिल जाऊं।कोई भी कतरा मेरा, मुझमें बाकी ना रहे इस तरह आपमें मैं घुल जाऊं।।ताउम्र सिर्फ आपकी होती जाऊ,बूंद बूंद आपमें खोती जाऊं।आपसे मिलन का सुख हर पल पाऊं,रोम रोम से बस आपकी होती जाऊं।।
- पाखी✍