मीरे इन अश्क़ों का क़ातिल तू बना
कर दे तू घायल इतना फिर मुझे
बेदर्द इस इश्क़ का काफिर तू बना-
Painite Scribbler
(Painite)
468 Followers · 299 Following
हाँ, वोही हूँ मैं। बस ज़रा अवतार बदला है, बाकी वही हूँ।
Joined 23 April 2018
29 JUL 2022 AT 23:48
25 MAR 2020 AT 22:21
सतत पाण्यात असणाऱ्या कमलपत्रासारखा मी आहे,
कधीही न भिजनारा.
परंतु तुला पाहिलं की साखरेसारखा विरघळतो.-
19 AUG 2021 AT 23:38
"अभी तक सोये नहीं?"
"नींद नही आ रही।"
"किसीकी याद आ रही है?"
"नहीं, किसीको भुला रहा हूँ!"
-
19 AUG 2021 AT 21:41
Everything is fair in Love and War.
I was fighting out of love; for love,
But you fought back thinking it was a war!-
12 AUG 2021 AT 23:17
क्या पता उसे इस दिल की हालत
क्यों गयी छोड़ वो बिना दिए मोहलत,
अब फिर से उसे दिल लगाना चाहता हूँ,
टूटे दिल को फिर तोड़ना चाहता हूँ।-
12 AUG 2021 AT 23:07
झेलें है लाखों वार दिलपर
अब उससे दूर रहना चाहता हूँ,
अगले ही पल क्यों फिर उसे
बाहों में भरना चाहता हूँ।-
6 AUG 2021 AT 19:49
आरज़ू बस यही है मेरी,
एक और दिन मिल जाये,
फिर उस दिन के लिए,
तेरा दिल मिल जाये.-