Painite Scribbler   (Painite)
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हाँ, वोही हूँ मैं। बस ज़रा अवतार बदला है, बाकी वही हूँ।
Joined 23 April 2018


हाँ, वोही हूँ मैं। बस ज़रा अवतार बदला है, बाकी वही हूँ।
Joined 23 April 2018
29 JUL 2022 AT 23:48

मीरे इन अश्क़ों का क़ातिल तू बना

कर दे तू घायल इतना फिर मुझे
बेदर्द इस इश्क़ का काफिर तू बना

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10 APR 2019 AT 21:37

खड़ा हूँ सुबह लेके...

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19 AUG 2021 AT 23:38

"अभी तक सोये नहीं?"

"नींद नही आ रही।"

"किसीकी याद आ रही है?"

"नहीं, किसीको भुला रहा हूँ!"

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19 AUG 2021 AT 21:41

Everything is fair in Love and War.
I was fighting out of love; for love,
But you fought back thinking it was a war!

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12 AUG 2021 AT 23:17

क्या पता उसे इस दिल की हालत
क्यों गयी छोड़ वो बिना दिए मोहलत,
अब फिर से उसे दिल लगाना चाहता हूँ,
टूटे दिल को फिर तोड़ना चाहता हूँ।

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12 AUG 2021 AT 23:07

झेलें है लाखों वार दिलपर
अब उससे दूर रहना चाहता हूँ,
अगले ही पल क्यों फिर उसे
बाहों में भरना चाहता हूँ।

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6 AUG 2021 AT 19:49

आरज़ू बस यही है मेरी,
एक और दिन मिल जाये,
फिर उस दिन के लिए,
तेरा दिल मिल जाये.

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5 AUG 2021 AT 19:59

But you grew apart!

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5 AUG 2021 AT 19:58

'We can, but can't fall for each other, Again!'

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4 AUG 2021 AT 0:12

यूँ तो रोये तो थे हम पहले भी बहोत,
पर तुम जैसा हमें कोई रुला नही पाया।

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