Pagalpaheli the Lost _S_V_Z   (thє lσѕt wrítєr ѕhwєta🖤)
542 Followers · 40 Following

Introvert..🖤🌼
Joined 12 October 2020


Introvert..🖤🌼
Joined 12 October 2020
11 OCT 2022 AT 21:29

हिज़्र के ये दिन रात कभी उन्हे भी सताते होंगे,
थोड़ा ही सही मगर याद उन्हे हम भी आते होंगे!

कि लफ्ज़ अधूरे से हैं हमारे हर पल उनके बिना,
इक पल मे तो वो भी खुद को अधूरा पाते होंगे!

हयात के सारे पहलू उलझें से हैं इमरोज हमारे,
कभी तो हमारी यादों मे वो भी उलझ जाते होंगे!

इश्क़ करना तो मेरी जां आज भी आता है उन्हें,
मै न सही किसी से तो वफ़ा वो भी निभाते होंगे!

ख़ालिश रहकर भी नही हैं उनकी बेरुखी से हमे,
कभी तो उनकी मुस्कुराहट मे हम मुस्कुराते होंगे!

वो शख्स जो हमारे बज़्म-ए-जहा की रौनक़ हैं,
कभी तो उनकी रौनक़ मे हम झलक जाते होंगे!

ये मेरी गजलें मेरी नज्में जो उनके वास्ते जीं रहीं,
कभी तो इनमें जीतें अश्क उन्हें नजर आते होंगे!

-


22 SEP 2022 AT 14:30

वो शख्स शख्स मुझें यारों बुरा नही लगता,
दिया हुआ उसका दर्द सजा़ नही लगता!

क्या करूँ शिकवा शिकायतें उस शख्स से,
वो शख्स शिकयतों की वजह नही लगता!

हम यूँ ही तन्हा चलते जलते रहेंगे ताउम्र,
इक उसको तन्हाइयों का पता नही लगता!

सुना है खुश है वो किसी और की ख़ुशी मे,
मेरे गमों का इल्म उसे जरा नही लगता!

किसी और के मकाँ में नया घर है उसका,
ये जहाँ मुझें यारों मेरा जहाँ नही लगता!

कि क्या ख़्वाब बुनू मै अब कल के वास्ते,
जिंदा रहना ही आज को रजा़ नहीं लगता!

उल्फ़त न हो अब किसी से तो ही अच्छा है,
जुदा होके वो शख्स यारों जुदा नही लगता!


-


22 JUL 2022 AT 3:13

खुद में रहती इक शख्स से मै मुख़्तलिफ़ खुद को पाती,
दुनिया की भीड़ में जो गर मै भी दुनिया सी ही खो़ जाती!

शहर की रौनक इक वक्त तक तो रफाकत में रहती मेरे,
दूसरे वक्त मै मायूस नज़ारो की कुर्बत में तन्हा नज़र आती!

ख़्वाईश रखती हूँ मै भी जो कभी यारों की मोहब्बत का
हाल यूँ हैं कि फूलों की सीरत अभी काटों सी समझ आती!

इत्तिफा़क से जो ज़िंदगी से रूबरू भी हो जाऊं तो क्या,
ज़िंदगी भी मेरा हाथ छोड़ मौत की ही साथी नज़र आती!

ढूढ़ती हूँ जो अधूरे सुकून को मै अधूरी रात के साएं में,
अधूरी सी वो रात भी तो उजाले में पूरी होकर गुज़र जाती!

-


19 FEB 2022 AT 3:59

खुद से खुद को ही खोने से मै इमरोज डरने लगी हूँ,
शायद न चाहते हुए भी मै कहीं न कहीं मरने लगी हूँ!

इज़्तिराब,खौफ,रश़्क,बेरुखी,सब तो मुझे जमाने से,
कुछ ख़्याल लेकर अब नफरत मे ही मै रहने लगी हूँ!

कभी बरसात कभी वीरानियाँ कभी खिजाएं भी हैं,
सब बदलता ये सच भी इकरोज अब कहने लगी हूं!

रहती थी कभी सिर्फ़ पल दो पल मे ही मेरी बैचैनी,
तो क्यूं मै इमरोज रात दिन ये बेचैनी सहने लगी हूँ!

चाहती हूँ इकरोज सुकून से लम्बी नींद इन आँखों मे,
लेकिन क्या है कई सवालों के वास्ते मै जगने लगी हूँ!

फकत अपने जहाँ से ही थी कभी तमाम शिकायतें ,
अब खुदा से भी खुदा की शिकायतें मै करने लगी हूँ!

-


3 JAN 2022 AT 7:49

कुछ खामियाँ ताउम्र हमारी जिन्दगी की कुछ कमियाँ बन जाती हैं...❤️
और कुछ कमियां ताउम्र हमारी जिन्दगी की खामियाँ बन जाती हैं...❤️


#

-


31 DEC 2021 AT 19:07

जिंदगी का सफर सुहाना हुआ जनवरी की इबारत में,
जीती रही मै सख्स लम्हों को दिसंबर तक रफाकत में!
इमरोज़ तू गुम हो जाएगा अब कुछ पल की रफ्तार से,
कितना लिखें ये श्वेता तेरे दिए प्यार की सफाकत में!



#३१december २०२१

-


8 DEC 2021 AT 11:00

मिटी सारी दुआएँ अब कोई फ़रियाद कहाँ,
रही कब मै खुद में अब ये मुझे याद कहाँ!

इक फ़कत उसके जाने से तसव्वुर फीके,
ख़्वाब -ओ-ख्याल में अब इख्तियार कहाँ!

काटों मे मसरूफ़ हो गयी है जिंदगी जैसे,
खिले हुए गुलों की अब मै हकदार कहाँ!

बेपनाह चाहतें ही मुझे ललूलुहान कर गई!
हयात मे हँसी मसाफ़तों का इंतजार कहाँ!

फ़कत इक चेहरा उतर गया है दिल मे ऐसे,
तमाम अब देखने की बाकी शरार कहाँ!

आईने मे भी मेरा अक्श मुझसे न मिलता,
जिंदगी के हक मे अब जीने का करार कहाँ!

-


16 NOV 2021 AT 11:39

कुछ अजनबी पल हमे किसी की दस्तक दे से जाते हैं,
ख़ुद की खबर से दूर होकर बेखबर हम हो से जाते हैं!

न कोई रंग न ही खुशबू बची रहती है दिल-ओ- जान मे,
इख़्लास की महक खुशियों के रंग जैसे खो से जाते हैं!

सवालों की हैरत से आज भी झपकती नही है मेरी नज़रें,
कैसे लोग पल से पल मे यार क्या से क्या हो से जाते हैं!

दूर हूँ आज हर ख्याल के साये और उम्मीद की धूप से,
फरेबी उजाले से दूर आज अंधेरे के हम हो से जाते हैं!

कोई करीब से देखकर भी क्या पहचानेगा आज हमको,
हमारे राज नजरों मे आने से पहले दफ़न हो से जाते हैं!

हवाओं की रुख से आज अच्छे से वाक़िफ़ हो गए हैं हम,
थमी हुई हवाओं के ख्वाब के आज हम हो से जाते हैं!

छोड़ दिया अब हर मोड़ पे सहारे की रही हर तमन्ना को,
शोर से मुख्तलिफ आज खामोशी के हम हो से जाते हैं!

-


5 OCT 2021 AT 17:06

हर बच्चे ने अपने कितने सारे तसव्वुरों को सजाया था,
नींद से नही फकत अपने बी. एच. यू. से दिल लगाया था!

एन. टी. ए. की बदसलूकी सबको किस मोड़ पर लाई,
जहाँ थी फकत जीतने की चिंगारी आज आँसू भर लाई!

दिन रात एक करके इक इक पल सबने संजोया था,
खुद से दूर रह बनारस मे खुद को सबने खोया था!

दुनिया से मुख्तलिफ किताबों को दुनिया बनाया था,
घर की आराम छोड़ लैब्ररी मे हर पल बिताया था!

एन.टी. ए.की गलती हर बच्चे को इजतिरार कर रही है ,
सबकी आँखें अब फकत न्याय का इंतजार कर रही हैं!

-


8 SEP 2021 AT 8:14

अपने लफ़्ज़ों से गजलों को सजाने का शौक रखते हैं,
हर छोटे बड़े को अपना ख़ास बनाने का शौक रखते हैं!

आँखों मे उनके फकत कई ख्वाब ही ख्वाब हैं बिखरे से,
जिंदगी मे एक अलग ही मुकाम वो पाने का शौक रखते हैं!

हर शख्स के फ़रेब धोखों से रूबरू भी रहते हैं वो मग़र,
बुरा भूलकर अच्छा ही दिल मे वो बसाने का शौक रखते हैं!

सारे अश्कों को रिहाई देते हैं वो हर पन्नों मे बस जाने की,
हर तरफ़ किताबें ही किताबें वो सजाने का शौक रखते हैं!

शिक्षक हैं शायर हैं इस बात का मगरूर न है कभी उन्हें,
अपनी मासुमियत से सबको हँसाने का शौक रखते हैं!

लाखों ख्वाइशें उनके तसव्वुर मे हर पल पल जीती हैं,
फकत जश्न- ए- रेख़्ता मे भी वो जाने का शौक रखते हैं!

उनकी जख्मी कलम का रिश्ता भी कुछ खास हैं उनसे,
अल्फाज़ों से खुद से ही खुद को पाने का शौक रखते हैं!

-


Fetching Pagalpaheli the Lost _S_V_Z Quotes