एक अरसे बाद आज अदब से फिर कलम उठाया है,
एहसास थे कुछ जमे हुए, ज़रा ज़ोर लगाया है,
आंखें मूंद सिर को झुकाए, यादों को टटोला जब,
बेलगाम थे वो थमे हुए,जब उन्हे सहलाया है।
-
इक उलझी सी तक़दीर ।।
दो छोर हैं तेरे मेरे बीच,
इक मोड़ थी जो हो सकती थी,
चंद सासों में थी लिपटी सी,
इक डोर थी जो हो सकती थी।
-
रूठूं तो मनाते नही, बातों से दिल बहलाते नही,
क्यूं उदास हो बात है क्या, गुत्थी ये सुलझाते नही,
प्यार है तो बेरुखी कैसी, पूछो तो बताते नही,
ख़्वाब पाले आंखो मे हो, पलके क्यूं झुकाते नहीं,
हाथ थामे चलते हो पर, साथ क्यूं निभाते नहीं,
फासलों में उलझे हो तो, दूरी क्यूं मिटाते नही,
दर्द बड़ा है ज़ख्म है गहरा, मलहम क्यूं लगाते नही,
कह रहे हो देर हुई है, लौट के घर क्यूं आते नही,
चल पड़ी हूं खोज में खुद के, खुद से क्यूं मिलाते नहीं,
चल पड़ी हूं खोज में खुद के, देर हुई पछताते नहीं।।-
Abandonment is the worst feeling for someone to go thru. It breaks you down into pieces.. And no matter how hard you try or how far you go and how much you gather, there is always a piece missing...
-
नाराज़गी थी नाम की, वो खामखा की रंजिशें,
दो चार ही सवाल की, थी बेपनाह सी बंदिशें।-
ये जो घड़ी की टिक टिक है ना, कमबख्त टिकती ही नही,
आईने में खुद को देखा, पर अब वो दिखती ही नही।
-
जो तार जुड़ते हैं गेहरे, फिर चाहे जितने हों चेहरे,
उस ओर बढ़ती हैं राहें, जिस छोर यादों के पेहरे।-