रूठूं तो मनाते नही, बातों से दिल बहलाते नही,
क्यूं उदास हो बात है क्या, गुत्थी ये सुलझाते नही,
प्यार है तो बेरुखी कैसी, पूछो तो बताते नही,
ख़्वाब पाले आंखो मे हो, पलके क्यूं झुकाते नहीं,
हाथ थामे चलते हो पर, साथ क्यूं निभाते नहीं,
फासलों में उलझे हो तो, दूरी क्यूं मिटाते नही,
दर्द बड़ा है ज़ख्म है गहरा, मलहम क्यूं लगाते नही,
कह रहे हो देर हुई है, लौट के घर क्यूं आते नही,
चल पड़ी हूं खोज में खुद के, खुद से क्यूं मिलाते नहीं,
चल पड़ी हूं खोज में खुद के, देर हुई पछताते नहीं।।
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