एक बार फिरसे मोहबत् ना हो जाए तुमसे
इसलिए नज़र अंदाज करता हूं
ये मत समझना की,
खुबसूरत नहीं हो तुम ❤-
वो एक दूसरे से जुड़ते गये
लोगो ने उसे शायरी कहा
पर,
हम तो तेरी याद कह ग... read more
अक्सर रात को उनसे की हुई बाते
हमे सुकून निंद दिलाती है
बस यही हमारी गलत आदते
अब हमे रात भर जगती है-
बोहत बार मैने दिल को उसके सामने रखा
ये सोचकर की,
वो हा या कमसे कम ना ही बोल दे
ताकी जिंदगी के इस पन्ने को छोड़कर
शायद ही में उसे भुला पाऊ
पर,
उससे वो ना भी कहा नही गया
शायद ये रिश्ता टूटे
ये उसे कबूल नहीं था
पर,ये रिश्ता जुड़के
हम अपनी मंजिल खो बैठे
ये उसे हरगिज मंज़ूर नही था
बस उसकी यही बाते मे समज नही पाया
शायद नादान था में
जो उसकी खामोशिया सुन नहीं पाया
उसको मुझसे मोहब्बत
मेरी सोच से भी कही ज्यादा है
बस यही बात मे अनपढ़
उसकी आँखों मे पढ़ ना पाया
-
बात हमारे दिल टूटने की नही
तेरे बेवजह गुरुर की थी
वरना मोहब्बत में हम भी चाँद-सितार लाते
बस तेरी उतनी औकात नही थी-
गुजर जाती है जिंदगी
रोते बस अपने है
बुरा तो तब लगता है,जनाब
जब अलविदा भी नहीं कह पाते है अपने-
लोगो पर बोहत भरोसा कर
उन्हे अपनी दुनिया बनाया
उन्होंने हमरा साथ छोड़ कर
आखिर हमे अकेला ही बिठाया
जरा सी किताबो से नजदी कियां क्या कर ली,जनाब
उन्होंने हमारे लिए एक अलग ही जहाँ बनाया-
बोहत अकेलापन महसुस हो रहा है
कोई तो प्यार का हाथ दो
कब तक कोने में अकेले रोते रहेंगे
कोई तो आपने पन का एहसास दो
ये नही हुआ आपसे, तो
हमने कब्र खोद रखी है खुद की
कमसे-कम वहा तक ही तो साथ दो-
आठवते मला ती पहिली भेट
बोलण त्यात राहिलच होत
सांगायचे तुला खूप काही
अस माझं ठरल होत
परंतु बोलण माझ ते
ओठांवरच थांबल होत
कारण,
काळोखातल्या काजव्यासारख
रूप तुझं खुललं होत
त्या गर्द काळोखात ही मन मात्र माझ
तुझ्या डोळ्यातच हरपलं होत
तू सांगत होतीस काहीतरी
परंतु ध्यान माझं तुझ्यातच रमल होत
काळोखातल्या त्या अर्ध्या भेटीत
खूप काही सांगायचं राहील होत
तुझ्या हातचा चहा प्यायला
घरी तुझ्या यायचं राहील होत-
खामोश है हम
थोड़ा संभाल लेना
अल्फाज तो नही है
ये खामोशिया ही समज लेना....-
उजाले मे हर कोई
साथ देता है, जनाब
हमे तलाश तो उनकी है
जो अंधेरे में भी साथ दे....-