P Sakshi   (Dil ki zuba)
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Joined 27 January 2022


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8 APR AT 10:19

अल्फाज़ों से भरे
जज्बातों से थोड़े कच्चे थे,
मेरे हिज़्र के आँसुओं को पानी समझ बैठे
लगता है ,
मोहब्बत की दुनिया मे अभी बच्चे थे....

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21 MAR AT 11:40

चलो
फिर मिलते है.......!

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13 MAR AT 8:30

।। Chai lover ।।




एक मैं एक वो और
दो चाय के प्याले हो,
कोई ना हो हमारे बीच तीसरा,
हो तो हम दोनो चाय के दीवाने हो...... ।

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8 MAR AT 12:41

एक प्रेम की तपस्वनि थी, एक चिंतन के आधार थे...
जब पार्वती ने व्रत रखा, तब शिव भी निराहार थे.....!

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6 MAR AT 11:59

उसके एहसास.......
मेरे अल्फाज.........!

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26 FEB AT 6:00

इतनी गहराई से लिखूँगी अपने लफ़्ज़ों मे तुमको,
की पढ़ने वाले को भी तलब हो जाएगी तुम्हे देखने की...!

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22 FEB AT 14:02

तेरी याद में हर रोज एक शख्स मर रहा है,
तुझे क्या खबर की वो किस हाल में जी रहा है,
तेरी ही खुशी के लिए तुझसे बात बंद की उसने,
पर यकीन मान एक तुझसे ही बात करने के लिए वो हर रोज तड़प रहा है।

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5 FEB AT 18:14

मुझे उसकी मुस्कुराहट इतनी पसंद है,
कि मैं उसके लिए अपने हर दर्द छुपा सकती हु।

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25 JAN AT 13:58

वो मेरी ज़िंदगी मे महज़ एक पन्ना नही,
पूरी किताब सा है,
वो मेरी आँखों मे चढ़ता एक शराब सा हैं,
जिसे देख मैं अपने गम भुल जाऊ
वो एक ऐसी मुस्कान सा है,
जिसका स्पर्श मेरे दिल की धड़कने बढ़ा दे
वो ऐसी तूफान सा है,
जिसके होने पर लगे पूरी दुनिया मेरी हो
वो एक ऐसा एहसास सा है,
वो मेरी दुनिया, मेरी खुशिया, मेरे हर ख्वाब सा है,
वो मेरी जिंदगी का महज़ एक पन्ना नही
पूरी किताब सा है।

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28 DEC 2023 AT 16:38

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