तुमसे बैर नही है हमको
बस थोड़ा सा दरकिनार किए हैं
झूठे फ़सानो से खुदको
तुम्हारी खुशी के लिए।
इक बात कही थी तुमने
मेरी विचार क्षमता और मेरा नज़रिया दोनों खराब है
हां कई बार कहा था
पर फिर भी सबकुछ ठीक ही रहा
पर इक दिन
नीयत में भी तो कुछ कमियां नजर आयी थी
तुमको मेरे
बस तभी सब कुछ धराशायी हो गया
अब इक आवरण में घिरी हूं
जो मैंने खुद ही बनाया है
इक दीवाल सी खड़ी कर दी है मैंने
हमारे ही बीच
झूठा दिखावा कर नही सकती और नीयत पर ही शक हो जहां वहां रह नहीं सकती।
और ये जो तुम तानों की बरसात किया करते हो मेरी पढ़ायी को लेकर
मुझे मालूम है तुम बहुत योग्य हो
पर ये जो तुम तुलनाएं किया करते हो
मुझको ज्यादा और खुद को कम आंका करते हो
बहुत हास्यास्पद है ये
मुझे मालूम है तुम ठीक उसी वक्त
इसी प्रक्रिया को वास्तव में उल्टा दोहराया करते हो।
मेरा जिक्र भी सिरदर्द बढ़ाता है तुम्हारा
मालूम है,पर तुमने गौर ही नही किया
अब कितनी दूर हूं मैं तुमसे
क्षमताएं बहुत सीमित है मुझमें
सब कुछ समेट नही सकती
तुम्हारी दी हुई दोस्ती थी
तुमने छीन ली
बस ख़त्म
अब इसमें मैं कुछ भी नही कर सकती।
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