P S Garg  
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Joined 19 December 2021


Joined 19 December 2021
13 APR AT 23:44

समेट लिया है यादों को
विश्वविद्यालय के बाग़ान से...🌳
इस शीतलता भरी नाव से...
संभाल कर रख लिया है
रम्य किस्सों के गांव में.....।

बस मास भर बचा है
इस विटप की छांव में.....।।🍁

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1 APR AT 0:22

बस है कुछ ख़ास इस पहनावे में ऐसा....
बालपन की अनोखी विलक्षणा में विचरण कर आने जैसा.....।।

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28 MAR AT 13:35

गुड़ के छोटे टुकड़े-सा
मिठास घोलते हुए
जीवन में
सुख की कतरन-सा
वह ऐसे आया
अश्रु मेरे सब ढह गये
सुर्योदय होने पर
जैसे पुष्प पारिजात के.…..।।

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25 MAR AT 22:44

पुहुप से प्रेम होना, तो रीति है.....
और उसे शाखी का ही रहने देना
उस प्रेम की प्रमाणिकता।🥀

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21 MAR AT 17:33

तुमसे बैर नही है हमको
बस‌ थोड़ा सा दरकिनार किए हैं
झूठे फ़सानो से खुदको
तुम्हारी खुशी के लिए।

इक बात कही थी तुमने
मेरी विचार क्षमता और मेरा नज़रिया दोनों खराब है
हां कई बार कहा था
पर फिर भी सबकुछ ठीक ही रहा
पर इक दिन
नीयत में भी तो कुछ कमियां नजर आयी‌ थी
तुमको मेरे
बस तभी सब कुछ धराशायी हो गया
अब इक आवरण में घिरी हूं
जो मैंने खुद ही बनाया है
इक दीवाल सी खड़ी कर दी है मैंने
हमारे ही बीच
झूठा दिखावा कर नही सकती और नीयत पर ही शक हो जहां वहां रह नहीं सकती।
और ये जो तुम तानों की बरसात किया करते हो मेरी पढ़ायी को लेकर
मुझे मालूम है तुम बहुत योग्य हो
पर ये जो तुम तुलनाएं किया करते हो
मुझको ज्यादा और खुद को कम आंका करते हो
बहुत हास्यास्पद है ये
मुझे मालूम है तुम ठीक उसी वक्त
इसी प्रक्रिया को वास्तव में उल्टा दोहराया करते हो।
मेरा जिक्र भी सिरदर्द बढ़ाता है तुम्हारा
मालूम है,पर तुमने गौर ही नही किया
अब कितनी दूर हूं मैं तुमसे
क्षमताएं बहुत सीमित है मुझमें
सब कुछ समेट नही सकती
तुम्हारी दी हुई दोस्ती थी
तुमने छीन ली
बस ख़त्म
अब इसमें मैं कुछ भी नही कर सकती।

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11 MAR AT 23:11

हम गंगा से पावन नहीं हैं
ना ही चन्दन सी खुशबू है हममें
बांसुरी सी तान‌ भी नही है
और ना ही है हममें पायल सी झनकार
हमें फिर भी बनना है इक सुनहरा सवेरा
कलरव करता चिड़ियों का बसेरा
और फिर बनना है सरगुन
तुम्हारे विश्वास का कुमकुम.......।।🍁

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9 FEB AT 22:19

यूं तो अक्सर बदलते हुए लोगों का मिज़ाज देखते हैं.........
अजी क्या रखा है?
ग़र देखना ही है ख़ुशनुमा मंज़र......
चलो, दरख़्तों तले बैठ कर कुदरत का अंदाज देखते हैं.........।।🍁

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3 FEB AT 22:49

इन सैलाबों को आने दिया जाये
थोड़ी परेशानियों को बहने दिया जाये......
इश्क को नज़र लगे तो लगने दिया जाये
अजी मोहब्बत है तो है
उसे बढ़ने दिया जाये...........

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11 JAN AT 21:45

ये जो पूछें है दुनिया
तेरा है या मेरा है....
बस भ्रम का बसेरा है
परिवर्तन शाश्वत है
स्थिरता कल्पनीय......
अप्रतिम और रमणीय ।

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31 DEC 2023 AT 23:53


आसमां के सितारों में
इक तारा होकर
समन्दर में मिलती नदियों का
इक किनारा होकर
बिखरती‌ चांदनी का
उजाला होकर
यूंही रहना है तुम्हें सदा
तुम्हारा होकर .....

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