अब मिलना तो फुर्सत से मिलना
एक अरसा हो गया तुमसे बातें किए..।-
किसी से तालुक उतना ही रखिएगा
जितना छोड़ जाने के बाद सह सको
इस बेगानी दुनिया में अपना कोई नहीं..।-
रिश्ते में एक बार झूठ की महक आ जाए
तो सच्चाई की गुंजाइश मुश्किल है ग़ालिब।-
अगर ख्वाहिश कुछ अलग करने की है
तो दिल और दिमाग के बीच बगावत लाजमी है ।।
और बगावत शराफत से हो
इसकी कोई गुंजाइश नहीं है.....-
किसी की काबिलियत उसके अहंकार नही
अपितु उसके कर्म और व्यवहार निर्धारित करते है।।-
बातें आज भी अधूरी रह गयी
मुलाकातें भी यूं ही रह गयी
सुना था दुआओ में रंग होता है
मेरी दुआएं भी बेरंग रह गई....।
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अच्छा सुनो,
शिकायतें बहुत है सुनोगे क्या
ख्वाहिशें बहुत है पुरी करोगे क्या
मंजिल थोङी ही दुर है, साथ चलोगे क्या
थोङा वक्त हमारे लिए भी निकालोगे क्या
थोङी खुशियां मेरे हिस्से में भी भर दोगे क्या।।
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एक बार कह दे,
जरूरत नहीं हमारी,
हम यूं ही चले जाएंगे,
बार-बार यूं बेइज्जत कर,
हमें हमारी नज़रों में न गिरा ।-