🌲 मुशाफिर हैं हम, मुशाफिर हो तुम, ये मुशाफिर, मुशाफिर अभी रहने दो।
🌲 थक गये हैं बहुत, अब घड़ी दो घड़ी, अपने चिलमन की छांव में भी रहने दो।
🌲 इस कदर हमने तुमको पुकारा नहीं, हां! कभी फिर कभी याद आती तो थी,
🌲 दिल जले, फिर चले, और चलते रहे, चलते चलते चमन में भी कभी रहने दो।
🌲 तेरी इल्त्ज़ा, हां! तेरी आरज़ू, बस तेरी ही जरूरत रही है सदां,
🌲 अब जो तुझसे कहूँ, आ चलें चल कहीं, कम से कम इतना तो_ कह लेने दो।
🌲 कभी देखूँ इधर या देखूँ उधर, हां कहीं भी जो देखूँ, तुझे खोज लूँ,
🌲 अब रहने दो ये सब, कि जग क्या कहे, मुझको दिल के खयालों को कह लेने दो।
🌲 आ! यहीं पे कहीं बैठ जाते हैं ना, कुछ तेरी सुनें और कहें अपनी भी,
🌲 कैसे मुद्दत यूँ ही, देख, गुजरती गयीं, अब मुलाकात को भी 'बसर' लेने दो।
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