P dost (Hemendra)   (༒♛💕P dost 💕♛༒)
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Joined 13 September 2020


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Joined 13 September 2020
1 DEC 2022 AT 12:51

❣️उधार दिया है।।❣️
जैसे लेट हुई ट्रेन का कोई इंतजार करता है।
मैंने कुछ इस कदर उसका इंतजार किया है।।
मानों व्हाट्सएप के जमाने में तुझे तार किया है।।
मैंने कुछ इस तरह वक्त बर्बाद किया है तुझमें,
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को तुझे उधार दिया है।।

तेरे साथ मैंने अपने दिल का विना लाभ का ब्यापार किया है।।
पर सच तो ये है कि मैंने सच्चा प्यार किया है।।
पर तूने मेरी किताब जैसी ज़िन्दगी को रद्दी अखबार किया है।
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को तुझे उधार दिया है।।

दिन भर की मुस्कुराहट के बाद एक रुलाती हुई रात आती है।
उसने मुझे क्यों छोड़ा मेरे ज़हन में ये बात आती है।।
पर मैंने ही उसे रुलाने का अधिकार दिया है।
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को तुझे उधार दिया है।।

अब किसी से कोई शिक़ायत नहीं है मुझे।
मेरी मोहब्बत ने ही मुझे ऐसा उपहार दिया है।।
अपनी यादें छोड़कर, किसी और से प्यार किया है।।
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को उसे उधार दिया है।।

दुआ करुंगा कि वो हमेशा खुश रहे।
पर मुझे इतना न सताएं कि आंखों में आंशु ही न बचें।।
बस ये दुआ करो कि हम ही न बचें।।
मैंने इस कबिता में व्यक्त उसका आभार किया है।।
जैसे मैंने इस ज़िन्दगी को उसे उधार दिया है।।

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25 NOV 2022 AT 21:57

उसको देखे हमें कई ज़मानें हो गये।।
हम उसे भूल कर किसी और के दीवानें हो गये।।
वो वही है जिसे हमनें छोड़ दिया था दुश्मन समझकर,
आज उसके ही घर में हमारे ठिकाने हो गये।।

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16 NOV 2022 AT 23:20

ये जो दिलों पर लगे घाव होते हैं, उफनती हुई नदी में पलटती नाव होते हैं।।
और....ये जो मुश्किलें आतीं हैं इश्क़ में, मोहब्बत को आजमाने के पड़ाव होते हैं।।

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15 NOV 2022 AT 13:35

इन झिलमिल सी दो आंखों में, लाखों सपने बसते हैं।
जब दिल जोरों से रोता है, हम हा हा करके हंसते हैं।।
और.....लोग कहते हैं कि हम मुस्कुराते बहुत हैं,
उन्हें कैसे बताएं कि, हम इसी किरदार में जचते हैं।।

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8 NOV 2022 AT 19:23

कंपकंपाती ठंड के समय, घरों में अलाव देखा है।
गर्मी के बढ़ते ही रिश्तों में बदलाव देखा है।।
और... हमनें जिनसे रिश्ते निभाए हैं बिना किसी खुदगर्जी के,
आज उन्हीं की नजरों में खुद के लिए अलगाव देखा है।।

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6 NOV 2022 AT 12:05

जो मुझे अच्छा नहीं लगता है मैं उसे छोड़ देता हूं।
उससे ज़िन्दगी भर साथ निभानें का, झूठा वादा नहीं करता।।
और......सच्ची मोहब्बत के हर अंजाम का तजुर्बा है मुझे,
इसलिए दोबारा किसी से मोहब्बत का इरादा नहीं करता।।

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21 OCT 2022 AT 11:55

एक तेरे ही खयालों में खोये रहने की आदत है मेरी।
अगर मैं तेरे इंतज़ार में हूं तो ये शराफ़त है मेरी।।
और.....तेरे जाने के बाद इश्क़ करने का तजुर्बा हो गया है मुझे,
हर वक्त रुलाती है, पता नहीं कैसी मोहब्बत है मेरी।।

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19 OCT 2022 AT 14:10

मैं चाहता हूं कि,
मेरी कहानियों में उसके साथ का वृत्तांत रखा जाय।
सब कुछ भूल कर अब मन को शांत रखा जाय।।
और......अब अकेलेपन की आदत हो गई है मुझे,
इसलिए मुझे मेरे दर्द के साथ एकांत रखा जाय।।

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11 OCT 2022 AT 22:37

हम खोये हैं गहन विचारों में।
दीपक जैसे रौशन थे, अब पल रहे हैं अंधियारों में।।
और....कई बरसों से हमनें खुलकर हंसा नहीं,
आज भी तस्वीर लगी है पुरानी दीवारों में।।

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11 OCT 2022 AT 22:26

शान्त रहने दो हमें, हम गहन विचार में हैं।
हमें खुद भी नहीं पता कि, हम किस किरदार में हैं।।
और..... हमें जिसकी चाहत थी वो किसी और का हो गया,
हम हैं कि आज भी उसी के इंतजार में हैं।।

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