P Adbol   (Infinite Optimism)
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Joined 29 September 2021


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14 JUL AT 15:47


बाँसुरी की मीठी सी धुन में बसें हैं बंसीधर
के साँसों से सजे सात सुर,जो परमात्मा
का सीधा दर्शन कराते है!
आत्म शुद्धी करते है!

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14 JUL AT 14:04

What are our priorities?
Whom to trust?
How to let go pain?
When to say No?
Why life is governed by the perpetual time? And to respect everyone's time!
However time is good or bad it shall pass!

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14 JUL AT 13:00

आँसू कमज़ोरी नहीं,
ये तो एक जरिया हैं,
अंतरंग की गहराईयों में छिपी हुई,
संवेदनाओं को आँखों से रास्ता देने का,
अपना मन हल्का करने का,
और फिर मनःशांती को अनुभव करना!

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14 JUL AT 12:39

हमने अपनी सोच
को बदल दिया तो साथ ही
व्यवहार में भी परिवर्तन आ गया!

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10 JUL AT 16:18

गुरू– जीवनाचा खरा दीपस्तंभ


आई असतो जीवनातील प्रथम गुरू,

 हजार प्रश्नांना न थकता उत्तरे देतो तो गुरू,

 स्वप्नांना पंख देतो तो गुरू,

स्वतः वर विश्वास करायला शिकवतो तो असतो गुरु,

जीवन सागरात जो तारून नेतो तो तारणहार असतो गुरू,

आदर, प्रेम , करुणा आणि मानाने जगण्यास शिकवतो तो असतो गुरु,

चहू दिशांनी आलेल्या संकटातून वाचवतो तो गुरु,   

ज्ञानाचे भंडार असतो गुरु,

सर्वगुणसंपन्न असतो गुरु,
 
निःस्वार्थ आणि शुद्ध अंतःकरणाने ज्ञान देतो तो असतो गुरु,

जीवनात नीतिमत्ता आणि विश्वास निर्माण करतो तो असतो गुरु,

जीवनाचा दीपस्तंभ असतो गुरु!


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9 JUL AT 13:46

होठों पर मुस्कान रखना,
लोगों का सम्मान रखना,
दिल मे उम्मीद का दिया जलाए रखना,
आँखों में सुनहरे सपने सजा के रखना,
अपने प्यार का जहाँ आबाद रखना,
अंतर्मन की गहराई को आँक कर रखना,
ताकि तुम अपनी आतंरिक शक्ति को
सिर्फ अच्छे कर्मों में ही लगा सकोगे,
और सदा अपनी उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ते रहोगे!

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9 JUL AT 12:49

निगाहों से अपनी नज़ारा दिखा दो,
प्यार करना जरा हमें भी सीखा दो!


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6 JUL AT 21:39

बात बात पर बिगड़ जाना,
बात बात पर रूठ जाना,
बात बात पर छोडकर जाना,
बात बात पर बुरा मान जाना,
बात बात में फूट फूट कर रोना,
माना तेरी आदत हैं ये,
लेकिन जैसे बादल में होती हैं चांदी सी किनारी,
वैसे ही तेरी नाराजगी में चमकती सी मोहब्बत बसी होती है!

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6 JUL AT 16:28





हैं कुछ साये गहरे,
ब्रह्मांड के आगोश में है वो आ के ठहरे,
ढूँढे मेरा मन इनमें अपने वो प्यारे,
आखिर सलाम बिना दिए ही वे बिखरे,
छोडकर धरती वे आसमान में निखरे,
दिल मेरा बस उन्हें ही पुकारें,
आज मेरी चौखट पर उतरे,
वो सारे यादों के तारे,
जिनपर थे लाखों पहरे,
आज वही अंधेरों में चमके सुनहरे,
आसमान के परे,
रहते थे जो अपने मेरे!




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1 JUL AT 22:07

आज फिर याद आए,
वो तन्हा से पल,
वो बीते हुए लम्हें,
वो सिमटे से हम,
वो बेकरार तुम,
वो दिल का दर्द,
वो दूरी जैसे सितम,
वो तेरी गली,
वो तेरा शहर,
छोडकर अकेले हैं हम,
वो हमसे खफा हैं,
और उनसे बेगाने हैं हम!

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