Dil to nhi hai mera bada hone ka.. Nadaniya he hai muje bhati.. Pr ab bachpan ke bachpane se bachna hai janab... Sun hai, bade hone pr iski kadar nhi ki jati..
मेरी दी तो नही पर, सगी दी से खास हो उडने लगी हूँ मैं,मेरे पंखो का आप राज हो पिंजरे खुले है ऐसे,जैसे आपके हौसलो की सौगात है । जब साथ हो आप तो मै जी भर के जीऊ, डरने की क्या बात हो । नजरिया और नजर की अब ज्यादा समझ है मुझमे जैसे गिरती चिटी को अब पत्तो का साथ हो छोटी बहन-सा मुझको प्यार मिला शादी मे स्टेज फ्लोर जैसे मेरे ही तो नाम हो वर्दी मे भी देखना है मुझे, आपको ये सारे दिन अब बस जल्दी से पास हो ।
मासूम-सी हैं ऑखे उसकी हजारो सवालो संग चमकी जाए काजल ने है खुबसुरती बढायी हिरनी पलके झपकी जाए मै सबसे अच्छा हूँ, न दीदी बोल कर फिर वो मुस्कराऐ इस नजारे पर नजरे, दो पल को बस ठहर-सी जाए।