अंधेरा मुझे बहुत भाया तुम्हारे साथ, तुम्हारी यादों के साथ,
तारों के साथ जुगनूओं के साथ तुम्हारे दिए की लौ के साथ-
Writes from the heart(उर) and lives in #Orai (उरई)...
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अंधेरा मुझे बहुत भाया तुम्हारे साथ, तुम्हारी यादों के साथ,
तारों के साथ जुगनूओं के साथ तुम्हारे दिए की लौ के साथ-
भीड़ उतनी जितनी समुन्दर शांत में,
तुम्हारे अभाव में उतना ही एकांत मैं।-
सावन चल रहा है,
बादलों की होड़ है और
लोग आसमान में चाँद नही,
बादल है कि नही ये देख कर निकलते हैं।
इसलिये चाँद गुमसुम है।-
कलम हमेशा लिखने वाले की तरफ झुकी रहती है।
निष्पक्ष लेखन उतना ही कठिन है जितना सीधी कलम से लिखना।-
शिवेति मंत्र उच्चरन सदा सुखी भवाम्यहम।
शिव कहने से ही मुझे सदा सुख मिलता है।-
मनःस्थिति सही रखने के लिये,
मन और स्थिति सही रखना जरूरी है।
मन और स्थिति में सामंजस्य जरूरी है।-
शतं विहाय भोक्तव्यं, सहस्रं स्नानमाचरेत् ।
लक्षं विहाय दातव्यं, कोटिं त्यक्त्वा हरिं भजेत् ॥
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