Omkant Ankit Kunwar   (Omkant)
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I write to express..
Joined 16 January 2019


I write to express..
Joined 16 January 2019
2 DEC 2021 AT 13:35

तुम मर्ज की तलाश करते हो
मेरे लेख को दर्द का नाम देते हो
मै सिर्फ अल्फ़ाज़ गढ़ता हूं
इन शब्दों में
तुम किसी खुदगर्ज को याद कर
दोषी खुद को ठहराते हो

इश्क़ में देहकता एक आशिक़ समझ
मेरे अल्फ़ाज़ को चिंगारी कहते हो
तेरे दर्द को हवा देने वाला
एक काफिर समझते हो
मै तो सोहबत लिखता हूं
तुम अद्वैत समझते हो

हारते हो इश्क में और टूटा दिल लिए
अपनो को सताते हो
ऐसी ही किसी शायर को पढ़
अपने गम को गुमान समझते हो
न मर्ज लिखता हूं ना दर्द देता हूं
जज्बातों को पन्ने का रुख देता हूं
मैं तो मोहब्बत लिखता हूं
तुम तिजारत समझते हो।

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4 OCT 2021 AT 20:59

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10 AUG 2021 AT 21:59

याद ए माजी
के अजाब क्या बताऊं
उन पलों का हिसाब क्या गिनाऊ
शब ए महताब में जो खुद को तन्हा पाया
उन यारों के यारी का हिसाब नही बनाया
गर्दिश ए वक्त की बंदिश में जब उलझा
गम गुसार में खुद की सिर्फ परछाई पाया
नज़रे जब घुमाया तो
गैरों से ज्यादा यारों को हंसता पाया

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24 JUN 2021 AT 21:03

तो क्या हुआ तू ये रिश्ता निभा न सका
ये दिल मेरा ये चाहत मेरी
और इस चाहत पे किसी और का हक नही
बन जाऊ मुफलिस तेरा प्यार पाने को
ये इश्क है मेरा कोई ज़िद नही

भटकती यादों के साए में रोक लेता हूं अश्क कई
ये याद मेरे है इनपर किसी का जोर नही
कहता हूं फसाने तेरी खूबसूरती पे
तेरी सीरत बयां कर पाऊं मुझे ये हक नही

यादों की कलम से लिखता हूं तेरी खासियत कई
तेरी शक्सियत बयां कर पाऊं उतने खूबसूरत शब्द नही
अर्श से जब बरसते है तेरे नूर
लिख देता हूं उनपे शेर कई
और ये अल्फाज मेरे जज़्बात मेरे
ये शायरी मेरी इनपर मेरा हक जरूर है

जितना भी किया तूने दिल से किया
तेरी चाहत पे मेरा हक नही
मगर इस इबादत पे मेरा हक जरूर है
तू लौट आए शायद ही हो ऐसी गुंजाइश कोई
तेरे वक्त पे मेरा हक नही
मगर इस इंतजार पे मेरा हक जरूर है

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1 JUN 2021 AT 21:40

Impressed by your perfection
The way you hid your intuition
Exxaggerating that fake emotions
That filthy expectations
And here's me
Just confused with your actions
Calling out when we needed attention
Using each other like backup
Cause we were living in same dimension
Faking our love for attraction
We were damn wrong
it was just impulsive reaction
We both were confused between
Love and attraction
Two of us with different perception
Two of us with broken emotions
Were just justifying each others actions
Being in each others arms
creating our imaginative dimensions.

Weather it was love or attraction
Two of us expressed our imperfections
Though having different perception
We managed to find our real personification
Weather It was love or attraction
Two person with imperfection
Blended together to create perfection
Being comfortable in our dimensions
That's what love is all about.

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24 MAY 2021 AT 19:54

वस्ल के इंतजार में गुजरी एक और रात
उस रात सिर्फ खयालों में आए तुम
जो शाम बीत चुकी थी
उस शाम की बात किए
एक और रात काट गए
उम्मीद में सुहाने सुबह की
हर शाम तुम्हारे नाम करते गए
मोहब्बत तो यूं ही बदनाम हुई
तेरे मेरे सवालों के बिसात में
ना हमने घुटनो पे बैठ मनाया
ना तुमने प्रेम का शिकारा मुझ तक लाया
हर शाम तन्हाई में काटते गए
उम्मीदों के गरजते बादल तले
हर रात बरसात का इंतजार करते रहे
ना बरसात आई, ना तुम
वस्ल के इंतजार में गुजरी एक और रात
उस रात सिर्फ खयालों में आए तुम।

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23 MAY 2021 AT 18:18

Attention

Craving for attention
Aww but you get hell of confusion
He/she loves me or just my inner illusion
Now you are stuck in one sided misconception
Crushing over imagination
Your heart crave for attention
Your mind in imbalanced situation

Hey
Are you still craving for attention
Now you are getting close towards frustration
Wake up
He is living with celebration
Forget about him
Live your life with your imagination
Create your own dreamily mansion
No attention No frustration No confusion
Just you and your own creation.

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21 MAY 2021 AT 20:04

चेहरे पे तेरे खुशी तो सही
तू छिपाए बैठी जज़्बात कई
दिल में तेरे है दर्द कहीं
मै छुपा हूं तेरे दिल में वही
ख्वाइश तेरी जो दिल में दबी
आंखों में दिखता तेरे स्वप्न कई
नवाजिश मेरी बिखरी रही
मेरी दुआओं में तेरा है जिक्र वही
तेरी आखों के काजल है बहते कई
अश्क दिल के तेरे दिखते वहीं
बस कर यूं हार नहीं
तेरे साथ हूं मैं तेरा दिलदार वही
प्यार है ये मेरा कोई बुखार नहीं
अपने सपनो के राहों में चल तो सही
इन राहों पे लगेगा वक्त कई
होंगे काटें कई मिलेगी मुश्किल नई
पर तू रुक जाए ये मुनासिब नहीं
जब सुना पड़े तेरा सरजमीं
मै मद्धम सी आहट बन आऊंगा तेरे दिल में वही
तेरे साथ हूं मैं हर पहर हर घड़ी
मै छुपा सा वही तेरे दिल में कही

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19 MAY 2021 AT 11:04

Hey you Warrior

Do read the caption 👇

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18 MAY 2021 AT 16:48

खामोश बैठे तारों की छांव में
ठहरे है काफिरों के गांव में
तन्हाई भरी रात में
इन हाथों की लकीरों को ताक रहे

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