अनब्लॉक कर दिये हो , चलो अच्छा है
मेरा स्टेटस भी देखते हो,चलो अच्छा है
:- ओम प्रकाश लववंशी 'संगम'-
कभी सोचना
कभी सोचना फुर्सत में बैठकर
मेरे बारे में, हाँ मेरे बारे में ही,
तुमने तो फैसला ले लिया
मुझसे दूर रहने का ,
लेकिन एक बार सोचना जरूर कि
क्या मैंने तेरे साथ कभी गलत किया?
हर वक्त मैंने तेरा साथ दिया
चाहे तुम कैसी ही समस्या में हो,
हर वक्त तेरे साथ खड़ा रहा।
हाँ,मानता हूँ जिंदगी तुम्हारी हैं
फैसले भी तुम्हारे ही होने चाहिए ,
लेकिन मेरी तो जिंदगी भी तुम हो
और मैं तुम्हें हमेशा खुश देखना चाहता हूँ ।
कभी सोचना फुर्सत में बैठकर
हमने कितना वक्त साथ में बिताया है,
चाहे मैंने अपने अंदर कई बातों को कुचल डाला
लेकिन कभी तुम्हारी खुशी कम ना होने दी।
कभी तुम्हारी आँखे नम ना होने दी।
कभी सोचना फुर्सत में बैठकर
क्या तुम मेरे बिन खुश रह पाओगे?
क्या खुलकर जिंदगी जी पाओगे?-
मैं गर्म चाय पीने वाला लड़का हूँ,
तुम कोल्ड ड्रिंक पीने वाली लड़की हो-
*सुनो!तुम चले आओ*
कभी मिलते थे हम
यहीं चंबल के किनारे
और अब जी रहा हूँ,
बस उन्हीं यादों के सहारे
ये यादें ताज़ा हो जाती हैं,
जब भी मैं वहाँ जाता हूँ।
वो लहरें, वो पंछी
सब के सब गवाह हैं,
तेरे मेरे मिलन के,
चंबल के किनारे बैठकर
बातें करना,मस्ती करना,
क्या ??
अब तुम्हारा मन नहीं करता
शाम को शांत माहौल में
प्रकृति के पास बैठने का ।
चंबल के हिलोरों की आवाज,
पंछियों के झुंड का कलरव
और मछलियों की अठखेलियाँ
ये सब कितना अच्छा लगता था
दुनियांदारी से परे
एक अलग ही अनुभूति होती थी।
सुनो! तुम चले आओ-ना फिर से
मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा....!!
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तुम इग्नोर कर रहे हो
वो भी हमें कर रहे हो
चलो कर लो फिर
जब हम करेंगे
तो बड़ा पछताओगे
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मैं किसी के स्टेटस देखूं या ना देखूं
लेकिन
तुम्हारे स्टेटस का इंतजार रहता है..-
हम नये परिंदे है साहब
गिरेंगे,उठेंगे,चलेंगे,उड़ेंगे
लेकिन हिम्मत नहीं हारेंगे
हम सीखेंगे उड़ना सीखेंगे-