रूहानी प्रेम
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Om Prakash Anand
(✍ ओमप्रकाश 'आनंद')
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Joined 19 December 2016
31 AUG 2022 AT 21:23
जब रिश्ता नया होता है,
तो लोग बात करने के बहाने ढूंढ़ते है,
और जब वही रिश्ता,
पुराना हो जाता है,
तो लोग दूर होने के बहाने ढूढ़ते है ।-
31 AUG 2022 AT 11:50
शब्द ही जीवन को
अर्थ दे जाते है,
और,
शब्द ही जीवन में
अनर्थ कर जाते है.-
31 AUG 2022 AT 11:30
बेजान चीज़ो को बदनाम करने के
तरीके कितने आसान होते हैं।
लोग सुनते हैं छुप~छुप के बातें और
कहते हैं कि दीवारों के भी कान होते हैं !!-
30 AUG 2022 AT 20:26
जिसको जो कहना है कहने दो अपना क्या जाता है..
ये वक्त-वक्त कि बात है जनाब, वक्त तो सबका आता है…!!
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27 AUG 2022 AT 21:41
"बारिश तो आज भी होती है, मगर वो बचपन वाली बारिश अब लौट कर नहीं आती है।"
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27 AUG 2022 AT 21:35
"लगता है ये बादल भी इश्क़ में पड़ गया है, तभी बेवजह बेमौसम बूंदें बरसा रहा है।"
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14 AUG 2022 AT 22:32
खुशी से संतुष्टि मिलती है,
और संतुष्टि से खुशी मिलती है।
परन्तु फर्क बहुत बड़ा है-
“खुशी” थोड़े समय के लिए
संतुष्टि देती है,
और “संतुष्टि” हमेशा के लिए
खुशी देती है।-