Om Jee   (Om)
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रिश्तों के राजनेता 😎✍️
Joined 7 February 2021


रिश्तों के राजनेता 😎✍️
Joined 7 February 2021
25 SEP 2022 AT 21:36

संसार की हर शौक इतना ही फसाना है,
इक धुंध से आना है, एक धुंध में जाना है।

ये राहें कहां से है, ये राहें कहां तक है,
ये राज कोई राही, समझा है ना जाना है।

इक पल की पलक पर है ठहरी हुई ये दुनिया,
इक पल के झपकने तक हर खेल सुहाना है।

क्या जाने कोई किस पर किस मोड़ पर क्या बीते,
इस राह में ए राही हर मोड़ बहाना है।

हम लोग खिलौने है इक ऐसे खिलाड़ी के,
जिसको अभी सदियों तक ये खेल रचाना है।

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20 MAR 2022 AT 17:18

वक्त वक्त की बात है,
कल सुबह के रंग अब दाग हो गये।

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10 MAR 2022 AT 23:00

क्यूँ दरवाज़ा पीट रहे हो तुम.?
कह तो दिया अब नहीं रहे हम।

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10 MAR 2022 AT 18:57

खुली किताब था मैं तो मुझे किसी ने पढ़ा नहीं,
हो गया मैं खराब तो कहते है यार तू पहले जैसा रहा नहीं।

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8 MAR 2022 AT 14:22

“स्त्री एक ऐसी गुरु होती है जो शर्ट के टूटे बटन से लेकर इंसान के टूटे आत्मविश्वास तक को जोड़ने की कला जानती है।”
आप सभी सम्मानित नारी शक्ति को
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
💐💐🙏🏻🙏🏻💓

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3 MAR 2022 AT 11:07

किसी अनजान के इंप्रेशन के चक्कर में अपनो से एक्सप्रेशन बिगड़ ही जाता है।

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2 MAR 2022 AT 15:44

तुम्हें खोकर इतना तो जान गया हूं,
तुम्हें पाने वाले सब पछताएंगे..
😬😝

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28 FEB 2022 AT 9:26

छूकर देखना मुझे फिर एहसास होगा तुझे,
गर्म लोहे की तपन से ज्यादा जुबान छाले देती है।

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28 FEB 2022 AT 9:09

प्रश्न एक सफर है, और उत्तर एक मंजिल।
ना अब सफर की ख्वाहिश है ना मंजिल की।

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22 FEB 2022 AT 23:58

मैंने परखा है अपनी बदकिस्मती को
मैं जिसे अपना कह दू वो मेरा नही रहता फिर...

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