Om Durgesh ✍️   (Om Durgesh)
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It's some words didn't find my character.. 💕❤💕😊👍

I'm on instagram..
@om_durgesh_02
Joined 30 September 2020


It's some words didn't find my character.. 💕❤💕😊👍

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26 JAN AT 10:51

मेरी भी एक कहानी थी,
मेरी भी एक रानी थी!
फितूर उसका सिर पर था, मेरी भी वो दिवानी थी!
कोशिशें मेरी बेहिसाब थी, उसके बाद वो मेरे साथ थी!
बातें थी, कुछ मुलाकातें थी, उम्र भर की सौगातें थी!
हालातों के हाथ मजबूर हुए, कुछ इस तरह सपने चूर हुए,
किसी के दिखाए झूठे सपनो में वो खो गयी,
मैं' राह तकता रहा~वो किसी और की हो गई!
परेशानियों का सबब मिला हमें, नजदिकियों से कुछ ऐसे दूर हुए!
होश में आया जब मैं पता चला, वो तो मेरे सपनो की कहानी थी!
बात तो पुरानी थी, पर आज सबको बतानी थी,
मेरी भी एक कहानी थी,
मेरी भी एक दिवानी थी!!

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16 AUG 2023 AT 1:55

समन्दर को क्या गम है बता भी नहीं सकता,
पानी बनकर आँखो में आ भी नहीं सकता।
तू छोड़ गया तो उसमें तेरी क्या खता,
हर कोई मेरा साथ निभा भी नहीं सकता।।
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तू कहे तो एक कतरे में ही बह जाउ,
वरना तो कोई तूफान भी मुझे हिला नहीं सकता!!

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20 MAR 2023 AT 11:27

उजड़ी हुई फसलें, टूटे हुए सपने, और रोता हैं किसान!

ए बारिश तेरा यूं आना, कोई खुशी की बात नहीं हैं!!

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22 DEC 2022 AT 15:51

अपना असल चेहरा दिखाता है कौन,
सौदे में चाहिए क्या-साफ़ बताता है कौन!

मय्यतों पर अपना-इंतज़ाम चाहिए इन्हें,
वरना एक लाश से मिलने आता है कौन!!

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26 OCT 2022 AT 10:41

बिन सफर बिन मंजिल का,
एक रास्ता होना चाहता हूँ ।
कही दूर किसी जंगल में,
ठहरा दरिया होना चाहता हूँ।
एक ज़िन्दगी होना चाहता हूँ,
बिना रिश्तो और रिवाजो की ।
दूर आसमान से गिरते झरने में,
खोना चाहता हूँ।

'मैं आज 'मैं' होना चाहता हूँ "

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5 OCT 2022 AT 21:06

मैदान में पुतला जल रहा था,
हजारो की भीड़ उमड़ रही थी।
और वहाँ गली में...
एक सीता दस रावणों से अकेले लड़ रही थी।।

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24 APR 2022 AT 14:58

जो दिल के क़रीब हैं, वो मेरे अजीज़ है,
मैंने गैरों पे हक़, जताना छोड़ दिया!

जो समझ ही नहीं सकते दर्द मेरा,
मैंने उन्हें ज़ख्म दिखाना छोड़ दिया!

जो गुजरती हैं दिल पे, हक़ीक़त हैं मेरी,
मैंने दिखावे के लिए, मुस्कुराना छोड़ दिया!

जो महसूस ही नहीं करते ज़रूरत मेरी,
मैंने उनका साथ निभाना छोड़ दिया!

जो मेरे अपने हैं, वो मिलेंगे ज़रूर मुझे,
मैंने बेवजह बंदिशे. लगाना छोड़ दिया!

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16 APR 2022 AT 1:20

ज़मीर की तुम सुनती रहना सदा
दिल तुम्हारा बड़ा रहना चाहिए,

पीर होने की जो ख़्वाइश है तुम्हारी
दर्द भीतर फिर बना रहना चाहिए।

अच्छा तुम टूटके चाहती हो मुझे
तुम्हें खुद से जुड़ा रहना चाहिए,

कभी मिलता है हक छीनने से...तो...
कभी कतार में खड़ा रहना चाहिए।।

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24 MAR 2022 AT 9:01

जाने वो कैसे ज़ख्म कर गयी थी
वो मेरे भीतर ही भीतर मर गयी थी,

रंजिशी उतारी गई थी तस्वीर मेरी
मैं ख़ामख़ाह ही ख़ुदसे डर गया था,

मंज़ूर होगा जो हो फ़ैसला तेरा
ये वादा भी उससे कर गया था,

इबादत से पहचान कराई थी उसने
सर ढक कर मैं उसके दर गया था,

जैसे ही लौटी चांद सितारों से वो
सबसे पहले मैं उसके पुराने घर गया था!!

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20 FEB 2022 AT 11:06

मेरे प्यारे मित्र की अरदास.... 🤞🙏

सुबह सुबह ही मोहल्ले में पानी भरने जाना,
फिल्मी गानो को धार के साथ गुनगुनाना।
दफ्तर में बैठे यही सोचकर रह जाना... की...
शाम को उस घर में वापस न जाना पड़े,
जहाँ माँ खांसती हुई मिले और मैं दवा भी न दे सकूंगा...
बच्चों के टूटे खिलौनो को कितनी बार जोड़ पाउंगा...
बीबी की फटी साड़ी से झांकेंगे सपने...
आखिर वो भी तो है अपने...
भले ही खुद पर बोझ और उधार हो,
अरे तू जैसी भी है ये ज़िन्दगी
मुझे तुझसे प्यार है...।।

O.D with N.S
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