कुछ फुर्सत है आज ....
( कृपया संपूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़ें )-
मैं उसमें ही रम जाता हूं
जो मुझको जिस भाव से देखे
वैसा ही मैं बन जाता... read more
Our progress is not relative to other people; it is relative only to ourselves and to God.
For all of us in reality are striving to surpass only ourselves.
-
छोटी छोटी बातों से जीवन बनता है
छोटे छोटे शब्दों से स्नेह निखरता है
किसी को छोटा कह कम नहीं आंकना
सबसे बढ़कर इस दुनिया में
दिल से दिल का रिश्ता है !!-
मुख्तलिफ याद करने की
जरूरत तो तब हो
जब सिर्फ " मैं "और "वो "हो
"हम " न हो।
यहां तो यह आलम
जब भी हुई आंखें नम
'मै' और 'वो ' कभी हुए ही नहीं
हुए बस "हम" ।।-
अमूमन मिल ही जाते हैं " वो "
कहीं न कहीं ...
कभी किसी अक्स में !
कभी किसी शख्स में !!-
इन एहसासों को हवाओं
की तरह खुल कर बहने दो
किसी दायरे, किसी चौखट में
सहजने का जतन न करो ।
बरकरार रहने दो ताजगी इनकी
कैद कर इनका अध :पतन न करो
फकत महसूस करो इनको खुलकर
अनदेखा कर इनका शमन न करो ।।
-
मशगूल एक सफ़र में
सारा जमाना है
न जिसकी कोई मंजिल है
न जिसका कोई ठिकाना है ।
जानें क्या हासिल करना है
जाने किसको आजमाना है
बस चाहतों की भीड़ है
और सरपट दौड़ लगाना है ।
कस्तूरी मृग सा भ्रम है
इस जिंदगानी का
यह एक ऐसी तलाश है
जिसमें खुद को ही पाना है ।।-
वो तुम्हारी सरगोशिया
वो तुम्हारी आहटें
वो तुम्हारी खामोशियां
वो तुम्हारी मुस्कुराहटें ।
यह मासुमियत तुम्हारी
यह तुम्हारी शोखियां
क्या कहें ,कितने जतन से
खुद को हम संभालते ।
और उस पर गाहे बगाहे तुम्हारा
यह पुछना बैठना
कि हम तुम्हें क्यों है निहारते ।।-
हवा का एक झोंका
कुछ इस अदा से
मेरे इर्द गिर्द लहराया है !
हो गया है मुझको यकीं
यह जरूर 'आपको' छूकर
ही आया है !!
-