रात के माथे पर यादों की बिंदिया रखना
गुजरे दिनों की बात में भी ज़िक्र ना रखना
पुराने शहर से गुजरना अजनबी होकर
तुम से सीखा मैंने अपनों को ग़ैरों में रखना
अपने नाम के पीछे उसका नाम लिखना
मोहब्बत और वफ़ा, ये भी होता है कुछ
तुम्हें नहीं मालूम फिर भी कोई पूछे तो
सीखाना मोहब्बत पर विश्वास रखना
तुमने सिखाया वादे सिर्फ़ वादे होते हैं
हर वादे पर यूँ ही एतबार मत रखना
ख़याल, ख़त, ख़्वाब सब भुला दिए होंगे
पर याद तो होगा आख़री बार मिलना अपना-
उम्र भर इंतज़ार का वादा था
वो शाम तक ठहरा नहीं
उसके ख़त जलाने में हाथ काँप गये
दिल तोड़ने से पहले जिसने सोचा नहीं
हमने उम्र लगा दी उफ़्फ़ न किया
ख़ुदा बताए क्या ग़लत है क्या सही…-
अगर कपड़े बोल पाते, तो वो भी अपनी दुनिया क़ीमत के हिसाब से बाँट लेते...
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Life is like a Test Match. U can't win everyday but sometimes draw is also positive...
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नया कुछ नहीं होता
सिवाय पुराने से अलग
खोजने, बनाने और बताने के सिवा...-
मैं रोज़ लफ़्ज़ों को खींच के बाँधता हूँ
और टाँग देता हूँ उन्हें ख़्वाहिशों के आसमान पर
कभी रिश्तों की डोर तो कभी यादों का माँझा लगता हूँ
ताकि ना कटे लफ़्ज़ तर्कों के पेंच में
आसमान से बग़ावत करती है जैसे पतंग
वैसे ही मेरे लफ़्ज़ माँगते हैं अपना आसमान
रोज़ काग़ज़ पर टूट जाता है दो अंगुल आसमान
मेरे लिखने बिगाड़ने और फिर से लिखने में...-