काश दिल को, किसी दुश्मन से प्यार हो जाए...
तो अश्क-ए-तनहाई का, दरिया पार हो जाए...
मैं डरता हूँ यारों, इनकार ना करदे वो,
दिल कम्बख्त कहता हैं, कहीं उसे भी इकरार हो जाए...-
Har baar ki tarah,
Iss baar bhi sahi...
Gar nhi likhi lakeeron mein,
Toh mulaqat hogi hi nahi...-
काही कळ्या🌹 श्वासांत सुगंध भरत आहेत...
काही पाखरं मनात घरटी करत आहेत...
या गुलाबी गुलाबी थंडीमध्ये, एक हृदय💖,
माझ्या हृदयाला💞उब देत आहे...-
माना के, इश्क की महफिल में
मशहूर मेरा नाम हैं।
पर कमबख्त, इश्क की महफिल तो
होती ही बदनाम हैं।-
Har dafa galat na samjha karo hume ae dost...
Dosti galat-faimiyon ke us paar shuru hoti hai...-
अपने “गुलाब” को हम
गुलाब देने की चाहत रखते हैं।
उसे गलती से काँटा ना चुभ जाए,
इस डर से गुलाब अपने पास ही रखते हैं।-
कहते हैं, शायरो के तो खयाल ही नाजायज होते हैं,
भले लोगों को ये भुलाते-बहकाते हैं।
पर बहके खयाल तो यहाँ सबके हैं साहाब,
सिर्फ हम कागजो पर उतार देते हैं, लोग दिल में छुपा लेते हैं।-
उम्रभर के इमान की
बस इतनी सी हसरत पूरी कर दे।
जिन दुश्मनो ने लढना सिखाया,
उनकी तकदीर सुनहरी कर दे।-
राते तरस गई हैं मेरी,
उजाले की इक झलक पाने को।
ऐ खुदा,
इतना रोशन करना मुझे,
के ताज्जुब हो सारे जमाने को।-
दिल खरीदने निकले थे हम...
हवस के बाजार में आ गए ।
दिल तो खैर मिला ही नही,
पर हम जमीर बेचकर आ गए ।-