nyctophile poet   (nyctophile_poet)
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Joined 11 November 2020


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Joined 11 November 2020
23 APR AT 21:20

कि उस रोज सब कुछ बदल गया,
वफा इश्क सब झूठे लगने लगे,
हम उनसे रूहानी मोहब्बत कर बैठे,
वो तो सिर्फ जिस्मो तक सिमट बैठे,
जिक्र फ़िक्र सब झूठे लगने लगे,
कि उस रोज सब कुछ बदल गया...

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29 JAN AT 22:15

कि वो मेरी हंसी में भी छुपे गम ढूंढ़ती है,
वो मेरी ख़ुशी में भी आँखें नम ढूंढती है,
कि कभी कह ना सकी जो बातें,
वो उन बातों के भी रंग ढूंढती है!!

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18 NOV 2023 AT 19:24

कि मानो एक अरसा हो गया!!
खुद से मिले हुए,
खुद को जाने हुए,
खुद की सुने हुए,
कि मानो एक अरसा हो गया!!
किसी को साथ पाये हुए,
किसी पर हक़ जताए हुए,
किसी पर वक़्त बिताए हुए,
कि मानो एक अरसा हो गया...

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9 SEP 2023 AT 22:25

कमाल है ना....
हर जज़्बात ज़ाहिर हो ज़रूरी थोड़ी है
हर शख्स हासिल हो खिलौना थोड़ी है

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14 AUG 2023 AT 0:35

वो रूठना वो मनाना
वो हंसना वो रुलाना
वो बंदिशें वो ख्वाहिशें
वो रातें वो बातें
सब याद आती हैं
बेहद याद आती हैं

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14 JUL 2023 AT 15:59

वजह लाख थी निभाने की,
पर उसने चले जाना जायज समझा,
ख्वाब कई थे आंखों में,
पर उसने हकीकत चुनना जायज समझा,
यादें बेहद थी रातों में,
पर उसने अश्कों को बहाना जायज समझा!!

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11 JUL 2023 AT 14:52

मेरी लाख कोशिशें, लाख दुआएं
मेरी लाख मिन्नतें, लाख वफाये
हक अदा वो फिर भी ,
किसी और की किस्मत में हुआ!!




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12 MAY 2023 AT 20:08

कि अब के बिछड़े तो शायद मिल ना पाए,
कौन सही कौन गलत ये बता ना पाए,
तेरे शहर तो आए पर तुझसे मिल ना पाए,
तुझसे बिछड़ कर भी किसी के हो ना पाए!!

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27 MAR 2023 AT 17:02

ख़फ़ा तुम भी नहीं
ख़फ़ा हम भी नहीं
रज़ा तुम्हारी भी नहीं
रज़ा हमारी भी नहीं
वक्त तुम्हारे पास नहीं
और हालात हमारे साथ नहीं

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21 MAR 2023 AT 20:03

हम इंसान भी कितने अजीब होते है ना,
की खुद अहमियत जानने के लिए,
दूसरे के नजरिए की जरुरत पड़ती है!!

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