खूबसूरत आंखो ने सालों पहले एक ख्वाब देखा था...
हकीकत में बदलने का समय आया तो नियति का खेल बदल गया-
नवीन त्रिवेदी
(नव्य)
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यहां जो भी आप पढ़ रहे हैं 'रचना' मात्र भर है, निजी जीवन से कोई लेना देना नहीं है. कल्पनाशील... read more
Joined 5 January 2018
30 JAN 2024 AT 23:30
30 JAN 2024 AT 23:16
जब तुम्हें खोजती थी नजरें तुम नजरें चुराते थे
आज तो दिल बहला लेते होगे न हमारे बिना-
1 FEB 2022 AT 10:05
हवा के तेज़ झोंकों से
न घबराना ऐ परिंदे!
हवा की यह रफ़्तार ही तो तूझे ऊंचा उठाती है!-
20 JAN 2022 AT 19:21
अक्षर -अक्षर गीत अमर है,
गले में कंठ,कंठ में स्वर है।
सरिता का संगीत लहर है,
जीवन में सांसों का असर है।।-
11 MAY 2021 AT 21:19
हमने कुछ लफ्ज़ लिखें हैं लहरों पर
दरिया तुम्हारे शहर से गुजरे तो पढ़ लेना.-
9 MAY 2021 AT 7:48
वक़्त वक़्त की बात हैं आज आपका हैं तो उड़ लिजिये...
कल हमारा होगा तो 'उड़ा' देंगे।-