वक़्त...हर बुरा वक़्त खूबसरत हो जाएगा,बुरे वक़्त के साथ खुद को संवार के तो देखो।क्यों ढूंढ रहे हो कमिया ख़ुद के अंदर,आसमा भीझुकेगा एक बार खुद को आज़मा के तो देखो।एक वक़्त था जब हंसी आई थी होंठो पे,फिर आएगी वह हंसी एक बार खुदको हंसा के तो देखोये बोझिल सी जिंदगी भी बहुत खूबसूरत लगेगीएक बार इसे गले लगा कर तो देखो। -
वक़्त...हर बुरा वक़्त खूबसरत हो जाएगा,बुरे वक़्त के साथ खुद को संवार के तो देखो।क्यों ढूंढ रहे हो कमिया ख़ुद के अंदर,आसमा भीझुकेगा एक बार खुद को आज़मा के तो देखो।एक वक़्त था जब हंसी आई थी होंठो पे,फिर आएगी वह हंसी एक बार खुदको हंसा के तो देखोये बोझिल सी जिंदगी भी बहुत खूबसूरत लगेगीएक बार इसे गले लगा कर तो देखो।
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हमेशा छाँव मै रखा ना आने दिया कभी धूपमैने अपने पिता मै देखाएक फ़रिश्ते का रूप -
हमेशा छाँव मै रखा ना आने दिया कभी धूपमैने अपने पिता मै देखाएक फ़रिश्ते का रूप
जमीं से तारे टूट कर फलक मै जा रहे हैंलगता है ख़ुदा नए अफसाने बना रहे हैं -
जमीं से तारे टूट कर फलक मै जा रहे हैंलगता है ख़ुदा नए अफसाने बना रहे हैं
आहिस्ता आहिस्ता...ज़िन्दगी चल रही आहिस्ता आहिस्ताकट रहा सफ़र आहिस्ता आहिस्ताबिखरी हूँ ऐसे मोतियों के माला बिखरे जैसेअब समेट रही हूँ खुद को आहिस्ता आहिस्तामंजील कठिन ,मुश्किलों से भरा हर दिन,गमों के कांटेचुभ ना जाए कहीं,कदम बढ़ा रही हूँ आहिस्ता आहिस्ताझुकेगा असमां,जब सफलता चूमेगी मेरा हाँथखुशियों से सजेगा अम्बर आहिस्ता आहिस्ता। -
आहिस्ता आहिस्ता...ज़िन्दगी चल रही आहिस्ता आहिस्ताकट रहा सफ़र आहिस्ता आहिस्ताबिखरी हूँ ऐसे मोतियों के माला बिखरे जैसेअब समेट रही हूँ खुद को आहिस्ता आहिस्तामंजील कठिन ,मुश्किलों से भरा हर दिन,गमों के कांटेचुभ ना जाए कहीं,कदम बढ़ा रही हूँ आहिस्ता आहिस्ताझुकेगा असमां,जब सफलता चूमेगी मेरा हाँथखुशियों से सजेगा अम्बर आहिस्ता आहिस्ता।
दिलचस्प है ज़िन्दगी का सफ़र...कभी आँखों से बहते मोतियों के झरने,कभी मुस्कुराते जज्बातों का चमकता कोहिनूर,गमों के चादर ओढ़े अंधेरा,कभी खुशियों की चुन्नी ओढ़े चमचमाती हुर।खुशियों के बादल मै,गमों का है बसरदिलचस्प है ज़िन्दगी का सफ़र। -
दिलचस्प है ज़िन्दगी का सफ़र...कभी आँखों से बहते मोतियों के झरने,कभी मुस्कुराते जज्बातों का चमकता कोहिनूर,गमों के चादर ओढ़े अंधेरा,कभी खुशियों की चुन्नी ओढ़े चमचमाती हुर।खुशियों के बादल मै,गमों का है बसरदिलचस्प है ज़िन्दगी का सफ़र।
मंजिल...मंजिल पाने की कसक,अभी बाकी है।आसमां तक जाना है,अभी उड़ान बाकी है।ये दिल मुसाफिर कल भी था,ये दिल मुसाफिर आज भी है।कल परायों की तलाश थी।आज अपनी तलाश है। -
मंजिल...मंजिल पाने की कसक,अभी बाकी है।आसमां तक जाना है,अभी उड़ान बाकी है।ये दिल मुसाफिर कल भी था,ये दिल मुसाफिर आज भी है।कल परायों की तलाश थी।आज अपनी तलाश है।
बचपन...हल्की हल्की बारिश सुबह कीसौंधी सौंधी खुसबू मिट्टी कीयाद दिलाता है वो दिन,जब छुट्टी होती थी स्कूल की।नानी माँ की कहानियाँ मेरी थोड़ी नादानियाँदादी माँ की झपकीउनके हाँथो की थपकीवो मस्ती थी बचपन की,जब बेहती थी कश्ती कागज़ की।ना जाने कहाँ खो गया वो गुल्लक,जिसमें कुछ लम्हें कैद थे बचपन की। -
बचपन...हल्की हल्की बारिश सुबह कीसौंधी सौंधी खुसबू मिट्टी कीयाद दिलाता है वो दिन,जब छुट्टी होती थी स्कूल की।नानी माँ की कहानियाँ मेरी थोड़ी नादानियाँदादी माँ की झपकीउनके हाँथो की थपकीवो मस्ती थी बचपन की,जब बेहती थी कश्ती कागज़ की।ना जाने कहाँ खो गया वो गुल्लक,जिसमें कुछ लम्हें कैद थे बचपन की।
इंतज़ार...परवाने जलते बुझते रहते हैंआशियाने उजरते बनते रहते हैंकैलेण्डर के पन्ने रूठ गए मुझसेरोज एक हि सवाल करते रहते हैंघड़ी के कांटे मिनटों पे रुक गए हैंऔर कितना वक़्त चाहिए तुमकोअब तो आईने भी धुंधलें पड़ गए हैंतुम आओ तो सवार लुं खुद कोखुली लटें बहुत शोर करते हैंसुनो मेरी धड़कने पे मेरा ज़ोर नहींबेवफा ये सांसे ठहर ना जाएँ कहींओर कितना वक़्त चाहिए तुमकोतुम्हारे सिवा इस वबाका कोई तोड़ नहीं -
इंतज़ार...परवाने जलते बुझते रहते हैंआशियाने उजरते बनते रहते हैंकैलेण्डर के पन्ने रूठ गए मुझसेरोज एक हि सवाल करते रहते हैंघड़ी के कांटे मिनटों पे रुक गए हैंऔर कितना वक़्त चाहिए तुमकोअब तो आईने भी धुंधलें पड़ गए हैंतुम आओ तो सवार लुं खुद कोखुली लटें बहुत शोर करते हैंसुनो मेरी धड़कने पे मेरा ज़ोर नहींबेवफा ये सांसे ठहर ना जाएँ कहींओर कितना वक़्त चाहिए तुमकोतुम्हारे सिवा इस वबाका कोई तोड़ नहीं
विश्वासघात...बीज भी हमने बोई। सिंची भी हमनेजब कुदरत काअसर दिखेगाफिर ना कहनाफल खराब निकला -
विश्वासघात...बीज भी हमने बोई। सिंची भी हमनेजब कुदरत काअसर दिखेगाफिर ना कहनाफल खराब निकला
ज़िन्दगी...आहिस्ता चल ए ज़िन्दगीबहुत खुबसूरत ये राहें हैंग़म मिला तो क्या हुआइन राहों से हसीन लम्हें मैने पाएँ हैंग़म ओर ख़ुशी दोनों से नवाजा है तूने मुझेपर कुछ यादें हैं जिसे हम पीछे छोड़ आएँ हैंबेजान सी हो गई हूँ,दर्द की कश्ती हैओर आंसुओ की धाराएँ हैंवक़्त रेत की तरह फिसल रहा है, ठहर जा ए ज़िन्दगीकुछ अधुरें सपने हैं जो पूरे नहीं हो पाएँ हैं -
ज़िन्दगी...आहिस्ता चल ए ज़िन्दगीबहुत खुबसूरत ये राहें हैंग़म मिला तो क्या हुआइन राहों से हसीन लम्हें मैने पाएँ हैंग़म ओर ख़ुशी दोनों से नवाजा है तूने मुझेपर कुछ यादें हैं जिसे हम पीछे छोड़ आएँ हैंबेजान सी हो गई हूँ,दर्द की कश्ती हैओर आंसुओ की धाराएँ हैंवक़्त रेत की तरह फिसल रहा है, ठहर जा ए ज़िन्दगीकुछ अधुरें सपने हैं जो पूरे नहीं हो पाएँ हैं