ज़िन्दगी भी जुआ है किसी की ज़िंदगी में खुशियां ही खुशियां और किसी की ज़िंदगी गमों से सजी हुई,कोई हँसता है ज़िंदगीभर कोई रोता है ज़िंदगीभर कोई तरसता है ज़िन्दगीभर कोई ऊबता है ज़िन्दगीभर।।
प्यार ही ज़िन्दगी है। कभी माँ से प्यार कभी भाई से प्यार बहन से प्यार इंसानियत से प्यार पापा से प्यार हर एक रिश्ते से प्यार पति से प्यार पत्नी से प्यार ज़िन्दगी के हर कदम पर प्यार।प्यार से ही दुनियाँ बनी है।मग़र अफ़सोस दुनियाँ में प्यार होते हुए भी प्यार नही हैं।