᚛Nสin͢͢͢ส᚜   (👀)
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Joined 3 July 2020


Joined 3 July 2020
5 NOV 2024 AT 22:15

इक रोज़ हटाएंगे हम भी नक़ाब
हर इक शरीफ शख़्स के चेहरे से
लगेगा मेरे ही दामन में दाग़ फ़िर से
होगी नीलामी सरे-आम हमारे इज़्ज़त की
फ़िर क्या! कि फ़िर क्या
फ़िर भी हम वफा के चाह में
तेरे ही दरवाज़े पर डगमगाते नज़र आयेंगे!!!

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3 NOV 2024 AT 21:16

खेलते सभी यहां हरेक से हैं
हर दिन दिखाते नए चेहरे हैं
कौन क्या है इस जहाँ में
बताते ये उनके हर किरदार हैं
हैं वाकिफ़ हम भी हर एक दाव से
करते फ़िर भी वफा का ताकीद हैं

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27 JUN 2024 AT 20:47

जब जब उठाया हैं
आईना हमनें
ख़ुद की जगह हैं
तुमको पाया मैंने

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24 MAR 2024 AT 21:51

है रीति पुरानी दुनिया की
होली पर दहन मनाने की
कर पाप पर पुण्य विजय की
रंगों की छठा बरसाने की
आ बैठी थीं दहन में होलिका
भाई के प्राणों के हित की
हो भस्म उठी खुद की ज्वाला में
हुई विजय पुण्यात्मा की
ले भूत भविष्य की चिन्ताओं को
करने चलो दहन अब
क्युकी आयी है होलिका फिर से
दहन करने अपने पापों की
क्युकी.......
हैं रीति पुरानी दुनिया की
होली पर दहन मनाने की

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20 SEP 2023 AT 22:01

हो गए गर तालीम
तुम यूं मेरे इश्क में
तो फिर भूलोगे कैसे
हो जुड़े गर तुम
यूं मेरे कस्तियों में
तो फ़िर चाहतों की
मंज़र को तोड़ोगे कैसे
हो बसाए गर तुम
मेरे लफ्ज़ों को अपने ज़हन में
तो फिर उन्हे शब्दों में तोड़ोगे कैसे
हैं समेटे हम भी
तेरे यादों को एक माला में
उन्हें मुझसे छीनोगे कैसे

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15 SEP 2023 AT 22:36

Stop Investing Your Time
in People
and
Start to Invest Your Time
in Writing

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15 SEP 2023 AT 22:22

हैं शातिरों कीं दुनियां यहां ।
किसी को मासूम ना समझों ।।
सबने फेंका हैं अपना पांसा ।
किसी को बुद्धू ना समझोंं ।।
हैं गुनहगार सब इस दुनियां में ।
किसी को बेगुनाह ना समझाें ।।
कोई करता जलील यहां बड़ी शिद्दत से,
कोई होता जलील बड़ी फुर्सत से।
हैं सबका हिसाब इस दुनियां में,
किसी का पलड़ा हल्का तो ।
किसी का भारी ना समझोंं ।।
कोई चलाता तुडीर अपने बाड़ों से तो ,
कोई रखा संभाल अपने म्यानों में ।
हैं सबके दांव यहां अपने अपने ,
किसी को चालाक तो ।
किसी को कमजोर ना समझों ।।
हैं चलन में शब्दों के बाण यहां।
किसी को ज्ञानी तो ,
किसी को अबोध ना समझों ।।
हैं संजोया कुछ मुद्दतों के बाद यहां,
अपने बुने लफ्ज़ों को मालो में ।
इसे अपने लिए भेदिया तीर ना समझों।।




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20 AUG 2023 AT 8:01

हमने संजो कर रखा हैं
तेरे दिए गुलाबों की
..... पंखुड़ियों को
यूंही नही कोई हर रोज़
तेरा दीवाना होते जा रहा हैं

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2 JAN 2023 AT 0:01

कयामत ही
कयामत ढाया करता था !!
जब जब तू अपने
हाथों से गज़रा
बनाया करता था!!!

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1 JAN 2023 AT 23:41

I don't have
any new year
resolution

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