कल रात आसमा को अपना ग़म बतायासुबह देखा.. तो बारिश हो रही थी। -
कल रात आसमा को अपना ग़म बतायासुबह देखा.. तो बारिश हो रही थी।
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नज़रों को फेरते कुछ यूँ दूर हुए तुम हमसे,मानो वो पहला क़दम कभी बढ़ाया ही न हो.. -
नज़रों को फेरते कुछ यूँ दूर हुए तुम हमसे,मानो वो पहला क़दम कभी बढ़ाया ही न हो..
अच्छा सुनो,ज़रा मेरी याद देना उसेआख़िर.. वो भी तो तुम्हे देखता होगी! -
अच्छा सुनो,ज़रा मेरी याद देना उसेआख़िर.. वो भी तो तुम्हे देखता होगी!
? कमी महसूस कर आपने चंदा कीशायद रात भी छुप कर रो रही आज है.. -
? कमी महसूस कर आपने चंदा कीशायद रात भी छुप कर रो रही आज है..
पतझड़ और बरसात के मौसम की यही कहानी हैएक में बेसाख़ टूटते हुए पत्ते,तो दूजे मैं फिसलती जवानी है। -
पतझड़ और बरसात के मौसम की यही कहानी हैएक में बेसाख़ टूटते हुए पत्ते,तो दूजे मैं फिसलती जवानी है।
जैसे गणित में कठिन सवाल हो तुम,वैसे लाल बिंदी में बवाल हो तुम।अच्छा सुनो!!काजल ज़रा ठीक से लगाना,कहीं नज़र ना लगा दे तुम्हे ये ज़माना। -
जैसे गणित में कठिन सवाल हो तुम,वैसे लाल बिंदी में बवाल हो तुम।अच्छा सुनो!!काजल ज़रा ठीक से लगाना,कहीं नज़र ना लगा दे तुम्हे ये ज़माना।
She bit her lip and looked at me along her eyes..Lowering her leashes until they almost cuddled her cheeks and slowly raised them again..Like a theatre curtain. -
She bit her lip and looked at me along her eyes..Lowering her leashes until they almost cuddled her cheeks and slowly raised them again..Like a theatre curtain.
माना की मुुश्किल है सफ़रपर सुन ओ मुसाफिर..कहीं आगर तू रुका तो मंजिल आएगी ना फिर..🧡🧡 -
माना की मुुश्किल है सफ़रपर सुन ओ मुसाफिर..कहीं आगर तू रुका तो मंजिल आएगी ना फिर..🧡🧡
समंदर बन देते रहे सबको दिल में जगह अपनी,क्या करें! वो नमकीन पानी हमें गवारा ना था। -
समंदर बन देते रहे सबको दिल में जगह अपनी,क्या करें! वो नमकीन पानी हमें गवारा ना था।
लोग तो आते ही हैंअपने रंग बदलने के लिए।और ज़रा सुकून ढूंढने की कोशिश तो कीजे,ये बेचैनी तो बाज़ार में सरेआम बिकती है। -
लोग तो आते ही हैंअपने रंग बदलने के लिए।और ज़रा सुकून ढूंढने की कोशिश तो कीजे,ये बेचैनी तो बाज़ार में सरेआम बिकती है।