मिले थे एक रात, साथ झूले थे एक दिन
मगर फिर दूर मंजिल की राहों में चल पड़े
दोनों एक दूसरे के लिए अनजान थे।
कुछ बातें थीं जो अधूरी रह गई
एक दूसरे से बिछड़ने का दर्द
आखों में नमी रह गई
हम बार बार मुड़कर उसको देखते रह गए
वो बस हमारी राह निहारती रह गई...- NR Omprakash "Athak"
24 JUL 2019 AT 21:35