Noor $  
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Life is like a vessels we must go through phases Of emptiness to feel full again
Joined 21 December 2019


Life is like a vessels we must go through phases Of emptiness to feel full again
Joined 21 December 2019
4 JAN 2023 AT 13:33

sometimes view is so beautiful on the journey we don't want to change it we linger on it thinking about we don't find another beautiful view after that but we forget it life has as many beautiful views as we can't imagine it
sometimes we are in hurry to reach the destination without realising the journey itself is a beautiful one
wondering about stars and the moon and thinking about how beautiful they are but we forget beauty is everywhere the same beauty in people's love, in their hearts, and their kindness is more beautiful than the moon and stars.

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14 OCT 2022 AT 20:19

सब ने नसीय्यत दी, की आगे बढ़
पर किसी ने समझा नहीं, क्यू रूकी हुई हूं मैं

उम्मीद थी दोस्त समझेंगे मुझे
पर पता नही क्यू उन्होंने भी किनार कर लिया

इस मझधार में क्यू अकेली उलझी मैं
ना दिखे कोई किनारा

इस दुनिया की भीड़ में सब होते हुऐ भी
अकेली हूं मैं

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4 MAY 2022 AT 22:09

"ना जाने मैं क्यू ओरो जैसी नही"

बस यही सवाल खुद से पूछती हूं मैं
ना जाने क्यू खुद में ही खोई रहती हूं मै

क्यू में खुल कर हस नही पाती
ना जाने मैं ओरो जैसी क्यू नही

लोग बदल जाते है वक्त के साथ
ना जाने मैं क्यू नही बदल पाती

अपना सब कुछ दे कर भी
ना जाने क्यू मैं दोस्ती में भी धोखा खा जाती हूं



हर जगह खुद को अकेला पाती हूं मैं
ना जाने मैं क्यू ओरो जैसी नही


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9 FEB 2022 AT 19:21

Don't hold people,
let them go.
(Caption) — % &

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29 JAN 2022 AT 14:08

किसी के कन्धा का सहारा
क्यू ढूंढे हम
जब खुद मजबूत है हम

किसी का साथ
क्यू ढूंढे हम
जब खुद के साथ खुश है हम

दूसरो में खुद को
क्यू ढूंढे हम
जब खुद एक पहचान है हम

दूसरो में अपना अंश
क्यू ढूंढे हम
जब खुद पूरे है हम

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26 DEC 2021 AT 21:28

"तू पहचान खुद को "

तू जलती लो सी है
तुझे अभी और भी मसाले जलानी है
तू पहचान खुद को

तू ना उल्झ दुनियां की बदिशो में
तुझे अभी और भी बेड़ियां तोड़नी है

तू घबरा ना रास्ते देख कर
तू चटानो सी मजबूत है
तू पहचान खुद को

रोके तुझे कोई
ऐसी कोई आवाज नहीं
तू पहचान खुद को

तू ना खो खुद को , इस दुनियां की भीड़ में
चमकते सूरज सा तेज़ है तुझे मैं
तू पहचान खुद को

इन बदलते हलातो में विचलित ना हो
तुम समुंद्र सी शांत हो
तू पहचान खुद को



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9 DEC 2021 AT 8:55

मेरी रजा भी नही पूछी गई
मेरी बातो को भी नही सुना गया
बस फैसला सुना दिया गया

मेरे दर्द को नही पढ़ा गया
मेरे आशू को भी अनदेखा किया गया
बस अपनी ही बातो को आगे रखा गया

मेरी बेचैनी को नही समझा गया
मेरे हलतो को नही देखा गया
बस अपनी मनमर्जी से सब किया गया

एक सवाल रह गया है दिल में
क्या इतनी कमजोर थी तेरी मेरी दोस्ती
या तुम ने ना निभाना ठीक समझा

अब बदलते वक्त के साथ हम भी बदले गे
इस बार तुम देखना कैसा लगता है
किसी के बदल जाने से

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13 OCT 2021 AT 8:50

Self – love

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27 SEP 2021 AT 19:23

अगर मांगने से सब मिल जाता तो
वो बच्चा रोटी के 2 टुकड़े के लिए
तडप कर नही मरता

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27 SEP 2021 AT 15:45

जो कभी सीना तान के चलता था
वो नजरे झुका के चलने लगा है
लगता है वो शक्स जिमेंदारिया के
बोझ तले दबने लगा है

( Caption)



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