*// सहमा सा है //*
उन आँसुओं को देख दिल सहमा सा है,
उन होठों को मुस्कुराता न देख दिल सहमा सा है,
ये सोच और सहम जाता हूं,
कहीं इनका कारण मैं तो नहीं...
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इतनी ख़ामोशी उनके लबों पर
कभी दिखाई नहीं दी,
लगता है करोड़ों की भीड़ में
वो भी छोड़ गए।-
Those memories...
always come back,
just like the way
morning comes everyday.
refresh me,
just like the way
a spray of water does.
and haunt me too,
just like the way
a bright day turns into a dark night.
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मोहब्बत के दरिया में...
एक तरफा इश्क़ की लहर था।
एक खूबसरत किनारे से टकरा कर...
मैं मुकम्मल हो गया।-
इतनी खूबसरती से बयां करने लगे हैं इश्क़ को,
तेरी मोहब्बत में पड़े मुझे मेरे अल्फ़ाज़ भी लगते हैं।-
सांसे थमजाती हैं मेरी भी,
उनसे मिलने के इंतेज़ार के ख़तम होने में,
पर कुछ दोस्तों से मिलने का असली मज़ा ही
उन्हें बिना बताए मिलने चले आने में होता है।-
सब सिमटता दिख रहा था अंत में,
जो सुनना था वो सुन चुका था बिन लफ्जों के,
पर वो एक कहानी अब भी इंतेज़ार में है
मुक्कमल होने को।-
हसे थे न औरों की मोहब्ब्त पर,
यही एक वजह बनी
जो तुम्हारी मुक्कमल न हो सकी।-
आज लबों पर तेरा नाम भी नहीं आने दे रहा है ये दिल,
भूल जाना चाहता है या मोहब्बत अब भी उतनी ही करता है...-
यह जो वक्त के साथ-साथ मेरे हालात नायाब हैं,
महसूस होता है कि मेरी मेहनतें कामयाब हैं....-