सब्र की समीक्षा तभी हो जाती है
जब धैर्य का दामन छूट जाता है|-
नमन
(नमन)
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Author|Psychologist
Joined 7 June 2017
22 AUG AT 11:57
अपने ही घर में बेगाने हो गये
लोग दिखते हैं अपने, बेगाने हो गये
सपने में भी न सोचा था ये फलसफा
जिंदगी क्या क्या नये रंग दिखायेगी
जिंदगी की हकीकत से रुबरु हो गये
आंखे मूंद कर न करना कभी विश्वास
मौकापरस्त आस-पास से कोई होता है|
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21 AUG AT 11:26
जिंदगी का पाठ कभी भी
समाप्त नहीं होता है
हर रोज एक नई जंग
हर रोज एक नया अध्याय
कभी न खत्म होने वाला
जीवन के अंतिम सांस तक का सफर|-
20 AUG AT 5:52
उन खामोशियों का कोई मतलब नहीं
जो दूसरे के दर्द को बढ़ा दे
दूसरे के दिल को दुखा दे|-