Nivedita Gubrale Sharma  
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Joined 21 March 2017


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Joined 21 March 2017
21 APR 2017 AT 15:31

हलक में हाथ डाल कर हक ले लेने के जुनून में
किसी सूखे हलक को दो बूंद पानी देने की फुरसत नहीं

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8 APR 2021 AT 15:42


जहां धीमे चलना था
रुकना था, ठहरना था
लेकिन
दिल लाख करे इसरार
हरगिज़ न पलटना था

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11 DEC 2020 AT 23:27

याद तड़पाती नहीं
दर्द की भी अब लहर
आती नहीं
बहते बहते थक चुकी
अब, आंख भर आती नहीं

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8 DEC 2020 AT 16:24

कि आज हम कुछ संवर गए हैं

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31 OCT 2020 AT 22:16

होंठ भींच कर अपने हाथों सिल डाले हैं
ज़ख्म दिखाए नहीं किसी को
हमने हंस करयही कहा कि बस छाले हैं

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21 OCT 2020 AT 20:47

I talk to myself and discuss people and situations


I try to sneak away.

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15 AUG 2020 AT 21:59

इरादे नेक पर कुव्वत ना हो तो क्या करे कोई,
शज़र भी देते हैं साया, मगर वो घर नहीं होते
कमाते हैं रिज़क, लाते हैं तोहफ़े, इश्क़ करते हैं
क़त्ल गैरों को करने वाले भी पत्थर नहीं होते
कभी कह दें, कभी सुन लें, समझ लें, प्यार से जी लें
तो शहरों-शहर ये बर्बादी के मंजर नहीं होते
निकल कर अपने घर से दूसरों के घर जलाते हैं
वो चाहे जिस मजहब के हों मगर इंसां नहीं होते
हों लाखों दर्द सीने में, मगर मत आंख नम करना
कि अश्कों के वसीले से तो मसले हल नहीं होते
ख्याल कविता संग्रह

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15 JUN 2020 AT 7:37

मौत के रास्ते में ज़िंदगी का हासिल है
कड़वी, मीठी, बुरी भली यादें
लम्हे, शक्लें, मुहब्ब तें, झगड़े,
झूठी कसमें, भुला दिए वादे
हादसे, हसरतें, हकीकत, ख़्वाब,
नींद में डूबे हुए दिन औे जागती रातें
दोस्तों से मिले जो ज़ख्म कई
या रकीबों से मिली सौगातें
जब ना आइंदा की उम्मीद बचे
याद सब आती गुजिश्ता बातें

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12 MAY 2020 AT 23:50

It rumble but doesn't rain.
There are so many scars and bruises,
But surprisingly a lack of pain.

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28 APR 2020 AT 22:41

It's puzzling for me,why people get bored when they get the rare chance of living with themselves for long time and with out interruption!! Don't they like their own company and that's why try to hide behind workload or crowd??

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