हलक में हाथ डाल कर हक ले लेने के जुनून में
किसी सूखे हलक को दो बूंद पानी देने की फुरसत नहीं-
जहां धीमे चलना था
रुकना था, ठहरना था
लेकिन
दिल लाख करे इसरार
हरगिज़ न पलटना था-
याद तड़पाती नहीं
दर्द की भी अब लहर
आती नहीं
बहते बहते थक चुकी
अब, आंख भर आती नहीं-
होंठ भींच कर अपने हाथों सिल डाले हैं
ज़ख्म दिखाए नहीं किसी को
हमने हंस करयही कहा कि बस छाले हैं
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I talk to myself and discuss people and situations
I try to sneak away.-
इरादे नेक पर कुव्वत ना हो तो क्या करे कोई,
शज़र भी देते हैं साया, मगर वो घर नहीं होते
कमाते हैं रिज़क, लाते हैं तोहफ़े, इश्क़ करते हैं
क़त्ल गैरों को करने वाले भी पत्थर नहीं होते
कभी कह दें, कभी सुन लें, समझ लें, प्यार से जी लें
तो शहरों-शहर ये बर्बादी के मंजर नहीं होते
निकल कर अपने घर से दूसरों के घर जलाते हैं
वो चाहे जिस मजहब के हों मगर इंसां नहीं होते
हों लाखों दर्द सीने में, मगर मत आंख नम करना
कि अश्कों के वसीले से तो मसले हल नहीं होते
ख्याल कविता संग्रह-
मौत के रास्ते में ज़िंदगी का हासिल है
कड़वी, मीठी, बुरी भली यादें
लम्हे, शक्लें, मुहब्ब तें, झगड़े,
झूठी कसमें, भुला दिए वादे
हादसे, हसरतें, हकीकत, ख़्वाब,
नींद में डूबे हुए दिन औे जागती रातें
दोस्तों से मिले जो ज़ख्म कई
या रकीबों से मिली सौगातें
जब ना आइंदा की उम्मीद बचे
याद सब आती गुजिश्ता बातें-
It rumble but doesn't rain.
There are so many scars and bruises,
But surprisingly a lack of pain.-
It's puzzling for me,why people get bored when they get the rare chance of living with themselves for long time and with out interruption!! Don't they like their own company and that's why try to hide behind workload or crowd??
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